नई दिल्ली, 20 सितम्बर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के साकेत कोर्ट ने शनिधाम के संस्थापक दाती महाराज उर्फ मदनलाल राजस्थानी और उनके दो भाइयों के खिलाफ रेप के मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने दाती महाराज के एक भाई अनिल पर रेप का आरोप तय नहीं किया है।
सीबीआई की पूरक चार्जशीट में दाती महाराज के अलावा उनके दो भाइयों अशोक और अर्जुन का नाम शामिल किया गया था। सीबीआई ने दाती महाराज के भाई अनिल का नाम आरोपितों की सूची से हटा दिया था। अक्टूबर, 2018 में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में इन चारों आरोपितों के नाम थे। सीबीआई ने पीड़िता के बयान के आधार पर चार्जशीट में नीतू उर्फ मां श्रद्धा और नीमा जोशी को भी नामजद किया था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 3 अक्टूबर, 2018 को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं था। दाती महाराज और उनके तीन भाइयों को 22 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दाती महाराज किसी भी तरह जांच को प्रभावित नहीं करेंगे। वे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा था कि वे पीड़िता और उसके परिजनों से संपर्क नहीं करेंगे। कोर्ट ने दाती महाराज को कोर्ट की अनुमति के बिना विदेश जाने पर रोक लगाई है।
रेप की शिकायत करने वाली पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि वह एक दशक से बाबा की सेवा कर रही थी लेकिन दाती महाराज और उसके दो शिष्यों ने उसके साथ रेप किया। पीड़िता का आरोप है कि दाती महाराज की एक दूसरी महिला अनुयायी उसे महाराज के कमरे में भेजती थी। मना करने पर वह उसके साथ ब्लैकमेलिंग करती कि वह सभी से कहेगी कि पीड़िता अन्य चेलों के साथ भी यौन संबंध बनाती है। वह करीब दो साल पहले आश्रम से भागकर अपने घर राजस्थान चली गई थी। दाती के खिलाफ 7 जून, 2018 को शिकायत की गई थी लेकिन एफआईआर 11 जून, 2018 को दर्ज हुई।
(Udaipur Kiran) /संजय
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