जम्मू, 19 मार्च (Udaipur Kiran) । मौजूदा सत्यापन प्रक्रियाओं की आलोचना करते हुए पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर सरकार से जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय शासन के दौरान बर्खास्त कर्मचारियों पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले विभागों के अनुदान के दौरान विधानसभा में बोलते हुए लोन ने कहा कि मौजूदा पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को बदलने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि मैं सत्यापन फॉर्म में इस तरह के सवाल देखकर हैरान रह गया जैसे कि आप पिछले पांच सालों में कहां गए थे और अन्य जैसे कि आपके ससुर कौन हैं और आपकी सास कौन हैं, मेरा मानना है कि इन प्रक्रियाओं में बदलाव मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में है और उन्हें ऐसा ही करना चाहिए।
लोन ने सरकार से बर्खास्त कर्मचारियों पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को उनके (भाजपा) शासन के दौरान सुनवाई का मौका दिए बिना बर्खास्त कर दिया गया। क्या आप (सरकार) उनकी बर्खास्तगी की समीक्षा करेंगे क्या आपके पास उन्हें बहाल करने या उन्हें अपना बचाव करने का मौका देने के लिए कोई रोडमैप है। लोन ने कश्मीर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) प्रमाण-पत्र जारी किए जाने की कम संख्या पर भी चिंता जताई और कहा कि राजस्व अधिकारियों से उन्हें खारिज करने का कारण पूछा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी प्रति व्यक्ति आय और आर्थिक संकेतक समान हैं लेकिन जम्मू में 27000 प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं और कश्मीर में केवल 2700। तहसीलदारों से यहां ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र खारिज करने का कारण पूछा जाना चाहिए जबकि हमारे सभी संकेतक समान हैं और हम एक ही राज्य का हिस्सा हैं। उन्होंने सरकार से फलाह-ए-आम स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की चिंताओं को दूर करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि एफएटी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं है। मैं शिक्षा मंत्री और सीएम से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील करता हूं।
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(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता
