लखनऊ, 14 जनवरी (Udaipur Kiran) । सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.उदय जोशी ने कहा कि सहकारिता के लिए प्रशिक्षण की आवश्कता है, तभी युवा पुरजोर तरीके से सहकारिता आंदोलन से जुड़ेगा। सहकार भारती का प्रयास है कि फार्मा लेवल, स्कूल लेवल पर सहकारिता की शिक्षा देने की व्यवस्था हो।
राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.उदय जोशी ने (Udaipur Kiran) के प्रतिनिधि से बातचीत में कहा कि केन्द्र सरकार सहकारिता के क्षेत्र का विस्तार करने के लिए एक विश्वविद्यालय खोलने की योजना में हैं। इससे भी युवा सहकारिता से जुड़ेगें, किंतु वहां पांच वर्ष के बाद ही सहकारिता के लिए व्यक्ति तैयार हो पायेगा। युवाओं को तेजी से जोड़ने के लिए अल्प समय वाले प्रशिक्षण की बेहद आवश्कता है।
सहकार भारती की योजनाओं को जमीन पर उतारने के प्रश्न पर डा.उदय जोशी ने कहा कि सहकारिता की योजना का दोष नहीं होता है, उसे क्रियान्वयन कराने वाले में दोष होता है। व्यक्ति दोष को ही बाद में योजना का दोष बताते हैं। योजना बनाते समय हड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। जैसे सभी प्रदेशों में जनपद स्तर पर महिलाओं के सहकारिता समूह को लेकर योजना बनायी गयी है। महिला समूह की योजना ठीक चल रही है। बावजूद अभी महिलाओं को भी छोटे बड़े प्रशिक्षण की आवश्कता है।
सहकारिता में कठनाई के संबंध में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि निर्माण कम होने के कारण लागत मूल्य ज्यादा होता है। जैसे महिला समूह ने अचार बनाया और किसी उद्यमी ने बड़ी मात्रा में उसी अचार का निर्माण कराया। ऐसे में निश्चित ही उद्यमी के ज्यादा मात्रा में बनने वाले अचार का मूल्य कम होगा। महिलाओं के अचार की मात्रा कम है, तो मूल्य ज्यादा होगा। वहीं लोगों को अच्छे अचार की मांग की जगह कम मूल्य वाला अचार चाहिए।
केन्द्र सरकार पर पूछे गये प्रश्न पर उन्होंने कहा कि सरकार अपनी है, यह कहना उचित नहीं है। सरकार अनुकूल या प्रतिकूल होती है। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार अपने अनुकूल है। फिर भी सहकार भारती संगठन के कार्यकर्ताओं को निरंतर कार्य करते हुए ही आगे बढ़ना है।
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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र