Uttar Pradesh

प्रत्येक हिन्दू की सुरक्षा हमारा ध्येय: राजीव महाना

प्रत्येक हिन्दू की सुरक्षा हमारा ध्येय: राजीव महाना

कानपुर, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । प्रत्येक हिन्दू की सुरक्षा हमारा ध्येय है। जिसे लेकर विश्व हिन्दू परिषद शुक्रवार से 1 सितम्बर के बीच व्यापक रूप से पूरे विश्व में स्थापना दिवस एवं षष्ठी पूर्वी के कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस क्रम में कानपुर प्रान्त के सभी जिलों के केंद्र, मोहल्ला तथा ग्रामों में उत्सव मनाया जाएगा। यह बात षष्टिपूर्ति वर्ष के मौके पर शुक्रवार को गोविन्द नगर स्थित विहिप कार्यालय में मीडिया से वार्ता करते हुए कानपुर प्राप्त के प्रांत अध्यक्ष राजीव महाना ने कही।

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के कालखंड में देश की स्थिति और परिषद की स्थापना के समय देश की स्थिति में पर्याप्त साम्य था। 60 वर्ष की गौरवशाली यात्रा के कुछ अविस्मरणीय और अनूठे पड़ाव जिनका स्मरण और उल्लेख प्रासंगिक है। स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम संदीपनी साधनालय पवई मुंबई में 1964 श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर देशभर की हिंदुओं की दशा और दिशा के चिंतन हेतु एकत्रित हुए स्वामी चिन्मयानंद , संघ के द्वितीय सरसंघचालक पूज्य श्री गुरु जी, के एम मुंशी , मास्टर तारा सिंह , कुशक बकुला , सुशील मुनि और भी कई उपलब्ध प्रतिष्ठित मनीषी ने विश्व हिंदू परिषद की स्थापना हुई। विश्व हिंदू परिषद ने प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ के अवसर पर प्रथम विश्व हिंदू सम्मेलन आयोजन किया गया।

हिंदू विरोधी मानसिकता से ग्रसित तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हिंदुओं की आस्था और श्रद्धा को कुचलकर रामसेतु तोड़ने का दुस्साहस किया। जिस पर परिषद की भूमिका से एक बड़े आंदोलन और सामूहिक संगठित हिंदू का परिचय देकर रामसेतु को न सिर्फ टूटने से बचाया अपितु घर-घर रामसेतु की शिला भेज कर फिर से राम के अस्तित्व और प्रभु राम के समतामूलक समाज के स्वरूप को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। गौ रक्षा, गौ संवर्धन, अमरनाथ श्राइन बोर्ड आंदोलन का कुशल नेतृत्व साथ ही महर्षि देवल, परशुराम आचार्य, स्वामी रामानंद तथा स्वामी दयानंद सरस्वती जी की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए परिषद अपने स्थापना काल से ही धर्मांतरित बंधुओं के घर वापसी जैसा सत्कार में भी लगा हुआ है। मठ मंदिर की सुरक्षा और उनका गौरव, अर्चक पुरोहित, तीर्थ और संस्कृत, वेद की पुनर्प्रतिष्ठा का कार्य भी परिषद प्रमुखता के साथ अपने कंधों पर लिए है। इतना ही नहीं गिरिवासी एवं वनवासी अंचल में परिषद अपने बंधुओं के बीच सेवा कार्य अपना समाज, अपने पुरखे, अपनी परंपराएं, अपने संस्कार, अपने त्यौहार, अपने रीति रिवाज आदि को अक्षुण्ण बनाते हुए निरंतर साधनारत है।

उन्होंने कहा कि क्या हिंदू होना ही अपराध का पर्याय है,क्या सर्वे भवंतु सुखिन: सब के सुख की कामना करना ही हिंदुओं के लिए अभिशाप हो गया, क्या वसुधैव कुटुंबकम का भाव रखना ही हिंदुओं के लिए अपने ही देश में अपनी ही परंपराओं के लिए कुठाराघात करने वाला हो गया,

हमें इन चुनौतियों का न सिर्फ सामना करना है बल्कि अपने महापुरुषों के शौर्य, त्याग और पराक्रम को जागृत कर राष्ट्र विरोधी हिंदू विरोधी और मानवता विरोधी तत्वों को मुंहतोड़ जवाब देना है ।

प्रेस वार्ता में प्रान्त सह कोषाध्यक्ष एवं विभाग मंत्री गौरांग दीक्षित, विहिप के प्रांत प्रचार प्रमुख ओमेंद्र अवस्थी उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल / बृजनंदन यादव

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