तेल अवीव, 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । आतंकवादी समूह हमास के क्रूर पंजों में जकड़े छह इजराइली बंधकों की मौत से सारा देश गम और गुस्से में डूबा हुआ है। इन सभी बंधकों के शव स्वदेश पहुंचने पर लोग फूट-फूटकर रो पड़े। लोगों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर युद्ध को रोकने और बंधकों की घरवापसी के समझौते में विफलता का आरोप लगाया है। सरकार के खिलाफ देश में रविवार को दिनभर प्रदर्शन हुए। इजराइल के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन फेडरेशन हिस्टाड्रट ने सरकार पर युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर करने को लेकर दबाव डालने के लिए आज आम हड़ताल का आह्वान किया है।
उल्लेखनीय है कि इजराइल-हमास संघर्ष को अब एक साल होने वाला है। तनाव अभी भी बरकरार है। इजराइल के लोग युद्धविराम समझौता और हमास की कैद से लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। रविवार को प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प की भी सूचना है। तेल अवीव में कई जगह प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। लोगों ने पश्चिमी यरुशलम में प्रधानमंत्री नेतन्याहू के आवास के बाहर भी प्रदर्शन किया। इस बीच बंधक और लापता परिवार फोरम ने कहा है कि उन सभी (बंधकों) को 11 महीने तक यातना, दुर्व्यवहार और भुखमरी झेलने के बाद हाल ही में मार दिया गया।
हमास की कैद में मारे गए बंधक कार्मेल गैट के चचेरे भाई गिल डिकमैन ने देश के नागरिकों से सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा है, ”सड़कों पर उतरें और गाजा से सब के (बाकी बंधकों) वापस आने तक देश में सब कुछ बंद रखें। उन्हें अब भी बचाया जा सकता है।”
सनद रहे, इस युद्ध में हजारों लोग काल कलवित हुए हैं। ऐसा कहा जाता है कि इजराइल के गाजा पर किए गए हमले में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत चुकी है। 94 हजार से अधिक लोग घायल हैं। पिछले साल सात अक्तूबर को हमास ने इजराइल पर हमलाकर रक्तपात किया था। इस हमले में 1,139 इजराइली नागरिक मारे गए थे। इस दौरान हमास के आतंकी 250 लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए थे।
(Udaipur Kiran) / मुकुंद