जम्मू, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । साहिब बंदगी के सद्गुरु श्री मधुपरमहंस जी महाराज ने आज रखबंधु में अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा से संगत को निहाल करते हुए कहा कि गुरु शिष्य़ में समा जाता है। यह समाते कैसे हैं। साहिब कह रहे हैं कि जब मैं था तब गुरु नहीं था अब गुरु हैं मैं नहीं हूँ। प्रेम गलि बहुत संकरी होती है। उसमें दो नहीं समा सकते हैं। अगर गुरु बहुत दूर हैं तो सुरति करो। वो शब्द रूपी घोड़े पर सवार होकर आ जायेगा। जैसे प्रेतात्मा आई तो शरीर उसी का है पर वो वही काम करता है जो प्रेतात्मा करवाती है। इस तरह गुरु समा जाता है।
हम सब प्रार्थना करते हैं। इसका मतलब है कि हम सबने मान लिया है कि हमारी प्रार्थना ईश्वर तक पहुँचती है। आप देखें कि अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मारा तो पहले उसकी आवाज को पकड़ा। वो कहीं भी बोले उनको पता चल रहा था। जहाँ उसे मारा गया। वहाँ कोई टी.वी. भी नहीं था। वहाँ कोई मोबाइल भी नहीं था। फिर भी पता चल गया। वासुदेव कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था वो आज भी ब्रह्माण्ड में हैं। वैज्ञानिक उन शब्दों को खोजने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि जो वासुदेव कृष्ण के मूल शब्द हैं जो उनके मुख से निकले हैं। हम उन शब्दों को खोज लेंगे। कुछ दावा भी किया कि हमने पहचान लिया है। लेकिन प्रमाण नहीं दे पाए। क्योंकि उनके पास वासुदेव कृष्ण की मूल आवाज नहीं थी कि मिलान कर सकें।
आपके मुख से निकला हुआ शब्द ब्रह्माण्ड में घूमता है। जैसे हम पानी की एक बूँद डालते हैं वो सात समुद्र में उसी समय पहुँच जाती है। ऐसे ही आपके मुख से निकला हुआ शब्द ब्रह्माण्ड में उसी समय पहुँच जाता है। क्योंकि सूक्ष्म जल की किरणें आपस में जुड़ी हुई हैं। इसी तरह आपकी आवाज ब्रह्माण्ड में उसी समय पहुँच जाती है।
इंसान को यह विश्वास कैसे आ गया कि जो हम प्रार्थना कर रहे हैं वो प्रभु तक पहुँच रही है। संकट में हरेक इंसान प्रभु को प्रार्थना करता है। आपने जिसका नम्बर लगाया काल उसी के पास जायेगी। गुरु सात समुद्र पार बैठा है। यह सुरति एक पल में वहाँ पहुँच जायेगी। सुरति को जाने में समय नहीं लगता है। दूसरी बात नाम के बाद आप निगरानी में हैं। आप विनती करते रहना। आपमें भरोसा हो। फिर आपका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। वो ताकत आपके साथ जुड़ जाती है। आपके हर पल संभालती चलती है। नाम की ताकत आपको धीरे धीरे वहाँ पहुँचायेगी।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा