कोलकाता, 23 दिसंबर (Udaipur Kiran) । कोलकाता की चर्चित उद्यमी पापिया घोषाल, जिन्हें ‘रशियन चायवाली’ के नाम से जाना जाता है, को नैतिक पुलिसिंग और लैंगिक भेदभाव के कारण अपना चाय का स्टॉल बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने चार महीने पहले हावड़ा के आंदुल में राष्ट्रीय राजमार्ग-16 के पास अंकुरहाटी इलाके में अपना स्टॉल शुरू किया था, लेकिन बढ़ती लोकप्रियता के साथ उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पापिया ने अपना नौकरी छोड़कर खुद का व्यवसाय शुरू करने का सपना पूरा करने के लिए यह स्टॉल शुरू किया था। लेकिन हाल ही में गांव में एक पोस्टर लगाया गया जिसमें उन्हें स्टॉल बंद करने का फतवा सुनाया गया। स्थानीय क्लब के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उनका चाय का स्टॉल गांव के माहौल को खराब कर रहा है और उनके इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर भद्दी तस्वीरें पोस्ट की गई हैं, जो असामाजिक तत्वों को आकर्षित करती हैं।
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यह सिर्फ मानसिकता का सवाल है, पापिया का बयान
घोषाल ने बताया, कुछ लोग आए और वहां नोटिस चिपका दिया, जिसमें लिखा था कि मैं अपना स्टॉल दोबारा न खोलूं। यह बहुत दुखद था। यह क्षेत्र अल्पसंख्यक बहुल था, लेकिन मुझे लगता है कि हिंदू या मुसलमान से फर्क नहीं पड़ता—यह मानसिकता का सवाल है।
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स्थानीय प्रशासन और क्लब की भूमिका पर उठे सवाल
घोषाल ने आरोप लगाया कि स्थानीय क्लब के सदस्यों ने उनसे धन की मांग की थी, जिसे वह देने को तैयार थीं, लेकिन फिर भी किसी ने उनकी मदद नहीं की। यहां तक कि स्थानीय प्रशासन ने भी उनकी सहायता करने से इनकार कर दिया। पुलिस ने कहा कि स्टॉल राष्ट्रीय राजमार्ग की सरकारी जमीन पर बना है, इसलिए वे सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
संकराइल क्षेत्र की विधायक प्रिया पॉल ने कहा कि मुझे इस मामले की जानकारी नहीं थी। मैं इस मुद्दे की जांच करूंगी और लड़की की मदद करने की कोशिश करूंगी।
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पापिया की अपील
पापिया घोषाल ने सवाल उठाया कि मैं अपनी चाय की दुकान स्वतंत्र रूप से क्यों नहीं चला सकती ? मेरी सुंदरता या मेरे कपड़े किसी के चरित्र का निर्धारण क्यों करें ? उन्होंने डोमजुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है और अपने स्टॉल को फिर से खोलने की इच्छा जताई है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर