HimachalPradesh

सिरमौर की पहाड़ियों में खिला बुरांस, महक के साथ दे रहा ग्रामीण महिलाओं को रोजगार

सिरमौर के ऊपरी पहाड़ी क्षेत्र महक रहे बुरांस के फूलों से

नाहन, 11 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जिला सिरमौर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों हरिपुरधार, संगड़ाह और राजगढ़ की पहाड़ियां इन दिनों प्रकृति की एक खूबसूरत देन, बुरांस के लाल फूलों की खुशबू से महक रही हैं। जहां ये फूल अपनी सुंदरता से हर किसी का मन मोह लेते हैं, वहीं इनकी आयुर्वेदिक उपयोगिता भी स्थानीय लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही है।

बुरांस के फूलों से बनने वाला स्क्वेश गर्मियों में खासा पसंद किया जाता है। इसके अलावा इनसे जैम, चटनी और अन्य उत्पाद भी तैयार किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि इन फूलों का उपयोग अब केवल पारंपरिक घरेलू उपयोग तक सीमित नहीं रहा, बल्कि स्थानीय महिलाएं इन्हें स्वरोजगार का माध्यम बना रही हैं।

रेणुकाजी क्षेत्र के संगड़ाह और हरिपुरधार सहित राजगढ़ के कई इलाकों में महिला स्वयं सहायता समूह सक्रिय रूप से बुरांस के फूलों को इकट्ठा कर विभिन्न उत्पाद तैयार कर रहे हैं। इस पहल से न केवल परंपरागत ज्ञान को नया जीवन मिला है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में भी इजाफा हुआ है।

राजगढ़ स्थित फल विधायन केंद्र में भी इन फूलों से उत्पाद निर्माण का कार्य जारी है। केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष भी बुरांस आधारित स्क्वेश, जैम और अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों, विशेष रूप से महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।

हालांकि इस साल फूलों की संख्या थोड़ी कम रही है, फिर भी पहाड़ियों में बुरांस की मौजूदगी से वन क्षेत्र महक रहे हैं और इसका लाभ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रहा है। बुरांस न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि अब यह ग्रामीण विकास की नई कहानी भी लिख रहा है।

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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर

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