दंतेवाड़ा, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले में दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग तैयार बनाने के मकसद से एक केंद्र की स्थापना वर्ष 2017 में की गई थी। छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से यह केंद्र चल रहा है, इस केंद्र में कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण निर्माण किए जा रहे हैं। जिससे दिव्यांगों के जीवन में नई खुशहाली आ रही है, वह अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं।
दंतेवाड़ा जिला अस्पताल के परिसर में संचालित इस केंद्र ने बच्चों सहित कई लोगों को शारीरिक चुनौतियों से निपटने में मदद मिल रही है। विशेषकर नक्सलगढ़ के ग्रामीण दिव्यांगों को कृत्रिम अंगों से नया जीवन मिल रहा है। दंतेवाड़ा में ही कृत्रिम अंग तैयार करने की इकाई लगने से अब दिव्यांगों को इसके लिए रायपुर व जयपुर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। पूरे बस्तर संभाग में यह ऐसा इकलौता है। अब दंतेवाड़ा जिला ही नहीं बल्कि सुकमा, बीजापुर जिला व बस्तर संभाग के अन्य जिलों से भी दिव्यांगजन यहां आने लगे हैं।
दंतेवाड़ा सीएमएचओ डाॅ. संजय बसाक ने बताया कि केंद्र की शुरुआत 2017 में जिला कलेक्टर की पहल और छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से की गई थी। दंतेवाड़ा का केंद्र पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है और अब तक इसने 1400 से अधिक लोगों को कृत्रिम अंग प्रदान किए हैं। उचित माप लेकर केंद्र में कृत्रिम अंगों को तैयार किया जाता है, और दिव्यांगों की मदद की जाती है। रायपुर माना सेंटर के बाद यह प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा सेंटर है।
(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे / केशव केदारनाथ शर्मा