Bihar

ग्रामीण विकास मंत्री ने  मनरेगा से लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना में पाई गड़बड़ी

ग्रामीण विकास मंत्री ने  योजनाओं की समीक्षा बैठक

गोपालगंज, 27 मई (Udaipur Kiran) ।

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने आज समाहरणालय के सभा कक्ष में ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारियों के साथ विकास योजनाओं समीक्षा बैठक किया।

मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण वर्ष 2016 से 2017 तथा वर्ष 2020 से 2021 तक आवास की पूर्णता, प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किस्त की राशि का भुगतान एवं अब तक अपूर्ण रहे आवासों की समीक्षा की गई। आवास योजना की स्वीकृति तथा प्रथम द्वितीय एवं तृतीय किस्तों की राशि में अंतर होने की गहन समीक्षा की गई। बैठक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को वर्ष 2016 से लंबित सभी आवासों की पूर्णता तथा तीनों किस्त का पूर्ण रूपेण भुगतान एक सप्ताह के अंदर अनिवार्य रूप से करने का निर्देश दिया गया।

बैठक में यह चेतावनी भी दी गई की दिए गए निर्देश का अनुपालन नहीं पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 से वर्ष 2024 25 अंतर्गत वासन की पूर्णता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने वर्ष 2012-13 से लेकर 2015-16 तक लंबित सभी इंदिरा आवास की पूर्णता सुनिश्चित करने के लिए एक सप्ताह का समय कड़ी चेतावनी देते हुए दिया गया। इस क्रम में मनरेगा के अंतर्गत आवास लाभुकों को 90 दिन की मजदूरी भुगतान करने की भी समीक्षा की गई तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी उसका गांव द्वारा भ्रामक जवाब देने के कारण तथा कार्य शिथिलता पाते हुए मंत्री ने अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मनरेगा योजना की समीक्षा के क्रम में उन्होंने 221 वैसे श्रमिक जो मनरेगा अंतर्गत काम मांगने के लिए प्रखंड विकास का पदाधिकारी के कार्यालय में गए थे, परंतु उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल सका। इस संबंध में कड़ी फटकार लगाते हुए उन्होंने हिदायत दी गई कि प्रखंड द्वारा समीक्षा करते हुए उक्त 221 श्रमिकों को रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य उपलब्ध कराया जाए। वर्ष 2023-24 अंतर्गत मनरेगा में लिए गए 5779 योजनाओं में मात्र 3033 योजनाएं पूर्ण होने पर अप्रसन्नता व्यक्त की गई। इस योजना में सिधवलिया, विजयीपुर एवं फुलवरिया प्रखंड की उपलब्धि 50% से भी कम पाई गई।

वर्ष 2024-25 में 13000 योजनाओं के विरुद्ध 6000 योजनाएं ही पूर्ण पाई गई। थावे ,गोपालगंज एवं सिधवलिया की स्थिति 50% से भी नीचे पाई गई। इसके लिए चेतावनी दी गई। सामाजिक अंकेक्षण की समीक्षा में पाया गया की 1579 प्राप्त आवेदनों का निराकरण शून्य है। इसके लिए जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के डीआरपी का वेतन अवरुद्ध करते हुए सभी आवेदनों का निष्पादन एक माह के अंदर कर लेने का निर्देश दिया गया।

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(Udaipur Kiran) / Akhilanand Mishra

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