
जम्मू, 27 मार्च (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने शताब्दी वर्ष पर जम्मू कश्मीर प्रांत के अधिक से अधिक गांवों में घर-घर संपर्क अभियान चलाएगा।
इस वर्ष विजयादशमी के दिन 2 अक्तूबर को संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसी दिन से कार्यक्रम प्रारम्भ होंगे।
उस दिन पूरे प्रांत के सभी मंडलों और नगरों में पूर्ण गणवेश में कार्यक्रम होंगे। उसके अगले एक वर्ष तक घर-घर संपर्क अभियान के साथ ही नगरों में गोष्ठियां, हिंदू सम्मेलन, प्रबुद्ध जन गोष्ठी और सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित की जाएंगी।घर-घर साहित्य का वितरण किया जाएगा। युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
यह जानकारी जम्मू के अम्बाला में आयोजित प्रैस वार्ता के दौरान प्रांत संघचालक डॉ गौतम मैंगी, सह प्रांत संघचालक डॉ विक्रांत व प्रांत कार्यवाह
अवतार कृष्ण ने दी।
डॉ गौतम मैंगी ने बताया कि बेंगलुरु में 21 से 23 मार्च तक संघ की संपन्न हुई तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर प्रस्ताव पारित हुआ और विश्व समुदाय से बांग्लादेश के हिंदुओं के समर्थन में आगे आने का आह्वान किया गया है।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर इस्लामी कट्टरपंथी तत्वों द्वारा लगातार हो रही सुनियोजित हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। यह स्पष्ट रूप से मानवाधिकार हनन का गम्भीर विषय है। प्रतिनिधि सभा ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि वह बांग्लादेश के हिंदू समाज की सुरक्षा, गरिमा और सहज स्थिति सुनिश्चित करने के लिए वहाँ की सरकार से निरतंर संवाद बनाए रखने के साथ साथ हर सम्भव प्रयास जारी रखे।
संघ की 100 वर्ष की यात्रा के उपलक्ष्य में प्रतिनिधि सभा में संकल्प भी लिया गया। इस संदर्भ में जारी संकल्प पत्र के अनुसार सौ वर्ष की इस यात्रा में संघ ने दैनिक शाखा द्वारा अर्जित संस्कारों से समाज का अटूट विश्वास और स्नेह प्राप्त किया। इस कालखंड में संघ के स्वयंसेवकों ने प्रेम और आत्मीयता के बल पर मान-अपमान और राग-द्वेष से ऊपर उठ कर सबको साथ लेकर चलने का प्रयास किया। संघकार्य की शताब्दी के अवसर पर हमारा कर्त्तव्य है कि पूज्य संत और समाज की सज्जन शक्ति जिनका आशीर्वाद और सहयोग हर परिस्थिति में हमारा संबल बना, जीवन समर्पित करने वाले निःस्वार्थ कार्यकर्ता और मौन साधना में रत स्वयंसेवक परिवारों का स्मरण करें।
भारत की अप्रतिम महिला स्वतंत्रता सेनानी महारानी अबक्का के जन्म की 500वीं वर्षगांठ के अवसर पर माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी द्वारा वक्तव्य भी प्रतिनिधिसभा में जारी किया गया। भारत की महान महिला स्वतंत्रता सेनानी उल्लाल महारानी अबक्का एक कुशल प्रशासक, अजेय रणनीतिकार और महापराक्रमी शासक थी। उन्होंने उल्लाल संस्थान, दक्षिण कन्नड (कर्नाटक) पर सफलतापूर्वक शासन किया था। उनके जन्म की 500वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उनकी अजेय विरासत को हृदयस से विनम्र श्रद्धासुमन अर्पित किए।
महारानी अब्बक्का ने अपने छोटे से राज्य को पुर्तगाली आक्रमण से बचाने हेतु अद्भुत रणकौशल के साथ साथ निकटवर्ती राज्यों से कूटनीतिक समझौते कर कुशल प्रशासक के गुण का परिचय भी दिया था। उन्होंने नौसेना का भी कुशल नेतृत्व किया था।
संघ की शाखाओं के संबंध में बता दें कि देशभर में जहां 83129 दैनिक शाखाएं, 32147 मिलन एवं 12091 संघ मंडली हैं। वहीं जम्मू कश्मीर प्रांत में 678 दैनिक शाखाएं, 394 मिलन एवं 328 मासिक मंडली लग रही हैं।
इस वर्ष विजयादशमी के दिन तक प्रांत में अधिक से अधिक स्थानों पर शाखा प्रारंभ करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए सभी कार्यकर्ता अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं।
संघ ने सभी लोगों से भारतीय नववर्ष धूमधाम से मनाने का आग्रह किया है। इस बार भारतीय नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 30 मार्च को है। उस दिन से विक्रम संवंत 2082 प्रारंभ होगा। इसलिए संपूर्ण समाज इस दिन को भव्य तरीके से मनाएं। अपने-अपने घरों में उत्सव का माहौल बनाएं और भगवा ध्वज लगाएं।
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(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
