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आरपीएससी सचिव बताए खेल कोटे के आवेदनों की जांच लिखित परीक्षा के बाद क्यों

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जयपुर, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2023 से जुडे मामले में आरपीएससी सचिव को 29 जुलाई को व्यक्तिगत या वीसी के जरिए उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा कि उत्कृष्ट खिलाडी कोटे के तहत किए गए आवेदनों की जांच मुख्य परीक्षा के बाद करना विसंगतिपूर्ण लगता है। ऐसे में सचिव बताए कि ऐसे आवेदनों की जांच लिखित परीक्षा के बाद क्यों की जाती है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को अंतरिम रूप से मुख्य परीक्षा में शामिल करने को कहा है। जस्टिस महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश फरहा नाज की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 15 मार्च, 2013 को अधिसूचना जारी कर उत्कृष्ट खिलाडियों को सेवा में दो फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया था। आरपीएससी आरएएस भर्ती में उत्कृष्ट खिलाडियों की पात्रता की जांच किए बिना उनके आवेदन स्वीकार कर लेता है और लिखित परीक्षा के बाद उत्कृष्ट खिलाडी नहीं पाकर उम्मीदवारी खारिज कर देता है। आरपीएससी की इस दोषपूर्ण प्रक्रिया के कारण इस कोटे के तहत वर्ष 2013 से एक भी भर्ती नहीं हुई है। इसका विरोध करते हुए आरपीएससी की ओर से कहा गया कि वर्ष 1999 के भर्ती नियम के नियम 11 के तहत साक्षात्कार से पहले और मुख्य परीक्षा के बाद उम्मीदवार की पात्रता की जांच की जाती है। दूसरी ओर आरपीएससी की ओर से यह भी बताया गया कि खेल कोटे के 5 पदों के लिए 78 उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया गया है। वहीं याचिकाकर्ता के प्रारंभिक परीक्षा में शून्य से भी कम अंक आए हैं। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरपीएससी सचिव को तलब कर इस संबंध में जानकारी देने को कहा है।

(Udaipur Kiran) / संदीप

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