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(राउंड अप)  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संगम में लगायी आस्था की डुबकी, मां गंगा से की देशवासियों के सुख और शांति की प्रार्थना

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का प्रयागराज महाकुम्भ को दौरा
बड़े हनुमान जी के दर्शन
राष्ट्रपति ने की अक्षय वट की पूजा
राष्ट्रपति ने की सरस्वती कूप की पूजा
राष्ट्रपति ने डिजिटल अनुभूति केंद्र का अवलोकन किया
एयरपोर्ट पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति का स्वागत किया
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भेंट की भगवान शिव की मूर्ति

महाकुम्भ नगर, 10 फरवरी (Udaipur Kiran) । देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को प्रयागराज महाकुम्भ पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई। संगम स्नान के बाद उन्होंने लेटे हनुमान मंदिर और अक्षयवट धाम का दर्शन-पूजन किया। पूरे दिन के व्यस्त कार्यक्रम के बाद शाम को राष्ट्रपति दिल्ली लौट गईं।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया स्वागत : राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर सोमवार करीब सुबह साढ़े नौ बजे बमरौली एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। यहां राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। यहां से राष्ट्रपति अरैल घाट पहुंचीं, जहां से क्रूज पर सवार होकर वह त्रिवेणी संगम पहुंचीं। इस दौरान राष्ट्रपति ने डेक पर खड़े होकर नौका विहार का आनंद भी लिया और अपने हाथों से पक्षियों को दाना खिलाया। इस दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें महाकुम्भ के आयोजन और इससे जुड़ी अनेक व्यवस्थाओं की जानकारी भी दी।

विधिवत किया पूजन अर्चना : त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने से पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सपरिवार विधिवत पू्जा अर्चना की। संगम में उतरने से पहले राष्ट्रपति ने सबसे पहले पूर्ण आस्था के साथ जल को स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और फिर पवित्र जल में फूल माला और नारियल अर्पित कर समस्त राष्ट्र की समृद्धि व शांति की मनोकामना की। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच उन्होंने पूरी आस्था के साथ त्रिवेणी संगम में स्नान किया। पावन डुबकी लगाने से पहले राष्ट्रपति ने त्रिवेणी संगम में पुष्प और नारियल अर्पित किया और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम किया। उन्होंने मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की अराधना करते हुए एक के बाद एक कई बार पवित्र जल में डुबकी लगाई। साथ ही वैदिक मंत्रों और श्लोकों के बीच संगम त्रिवेणी का दुग्धाभिषेक किया। इसके बाद अक्षत, नैवेद्य, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित की। राष्ट्रपति ने संगम स्थल पर तीनों पावन नदियों की आरती भी उतारी। वहां मौजूद तीर्थ पुरोहितों ने कलावा बांधकर उनका अभिनंदन किया। इसके उपरांत उन्होंने अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन किए। बड़े हनुमान मंदिर के महंत और बाघंबरी पीठ के पीठाधीश्वर बलबीर गिरि ने पूरे विधि विधान से पूजन संपन्न कराया और राष्ट्रपति को मंदिर की प्रतिकृति भेंट की। बता दें, द्रौपदी मुर्मु देश की दूसरी राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने महाकुम्भ में स्नान किया। इससे पहले, 1954 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में स्नान किया था।

वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट भेंट किये : राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर राष्ट्रपति एवं उनके परिवार को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) भी उपहार स्वरूप भेंट किए।

डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र का किया अवलोकन : आधुनिक भारत और डिजिटल युग के साथ धार्मिक आयोजनों को जोड़ने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी समर्थन दिया। वे डिजिटल महाकुम्भ अनुभूति केंद्र का अवलोकन करने पहुंचीं, जिसमें महाकुम्भ मेले की विस्तृत जानकारी तकनीकी माध्यमों से उपलब्ध कराई जा रही है। गौरतलब है कि देश-विदेश के श्रद्धालुओं को महाकुंभ के अद्भुत आयोजन को और अधिक निकटता से अनुभव करने के लिए इसे स्थापित किया गया है। राष्ट्रपति ने स्वयं इसका अनुभव किया। वहीं, मुख्यमंत्री ने उन्हें केंद्र की विशेषताओं से भी अवगत कराया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भेंट की भगवान शिव की मूर्ति : स्वामी चिदानन्द सरस्वी ने प्रयागराज एयरपोर्ट पर संत समाज की ओर से राष्ट्रपति को भावनात्मक विदाई देते हुये उन्हें अंग वस्त्र, भगवान शिव की दिव्य मूर्ति और इलायची की माला भेंट की। इस अवसर स्वामी ने राष्ट्रपति के इस पवित्र आगमन ने भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति उनके गहरे सम्मान के दर्शन पूरे विश्व को कराया है।

सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति ने साझा की भावनाएं : संगम स्नान के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल के माध्यम से अपनी भावनाएं साझा करते हुए समूचे राष्ट्र की समृद्धि, सुख और शांति की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ के अलौकिक वातावरण में मां गंगा, यमुना और अंतःसलिला सरस्वती के पावन संगम में स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। श्रद्धा और विश्वास का यह विशाल समागम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत व जीवंत प्रतीक है। महाकुम्भ मानवता को एकता और आध्यात्मिकता का संदेश देता है। मां गंगा से मेरी प्रार्थना है कि वे सब पर अपनी कृपा बनाए रखें और सभी के जीवन में सुख और शांति का संचार करती रहें। राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर संगम स्नान की अपनी तस्वीरें भी साझा की हैं।

44 करोड़ से ज्यादा कर चुके स्नान : महाकुम्भ का आज 29वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 44.59 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। आज सांय 4 बजे तक 1.02 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं।

(Udaipur Kiran) / Dr. Ashish Vashisht

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