रोहतक, 28 सितंबर (Udaipur Kiran) । संवेदी समाज के निर्माण वर्ग, विशेषकर विद्यार्थियों की विशेष भूमिका है। समाज में निशक्तजन तथा सामाजिक-आर्थिक रूप से समाज के हाशिए रह रहे वर्गों के प्रति संवेदनशीलता का आह्वान आज हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डा. डी सुरेश ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में- बिल्डिंग एन इनक्लूसिव एण्ड रेजीलियंट सोसायटी रोल आफ साइन लैंग्वेज विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में किया। एमडीयू के सेंटर फाॅर डिसेबिलिटी स्टडीज तथा चै. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल एण्ड इकोनमिक चेंज द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में डी. सुरेश बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। डी.सुरेश ने अपने संबोधन में कहा कि जीवन में असली खुशी दूसरों की खुशी के लिए प्रयास करने में निहित है। उनका कहना था कि आज की समय की जरूरत है कि सामाजिक रूप से संवेदनशील समाज की स्थापना हो।
उन्होंने कहा कि एमडीयू ने सेंटर फाॅर डिसेबिलिटी स्टडीज की स्थापना कर एक अनुकरणीय पहल की है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा को प्रोत्साहन देने में एमडीयू सराहनीय प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे हरियाणा प्रांत में सांकेतिक भाषा को प्रोत्साहन देने तथा समावेशी समाज के निर्माण के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा जरूरी कदम उठाने का प्रयास किया जाएगा। इस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डा. शरणजीत कौर ने कहा कि प्रत्येक पाठ्यक्रम में इनक्लूसीविटी तथा डिसेबिलिटी संबंधित पाठ्य सामग्री को शामिल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निशक्तजन के सशक्तिकरण के लिए समावेशी समाज की जरूरत है। उन्होंने स्नातकीय तथा स्नातकोत्तर स्तर पर क्लिनिकल साइकोलॅजी प्रारंभ किए जाने पर विशेष बल दिया।
एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इंक्लूसिव एजुकेशन को प्रोत्साहन देने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा। साथ ही, एनईपी के प्रावधानों के तहत समावेशी शिक्षा को समग्रता से लागू करने के लिए प्रयास करता रहेगा। मुख्य अतिथि डा. डी. सुरेश ने उद्घाटन सत्र में सीडीएस द्वारा आयोजित स्लोगन राइटिंग तथा पोस्टर मेकिंग इवेंट्स के प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने संगोष्ठी उपरांत एमडीयू द्वारा प्रारंभ किए गए फूड ट्रक स्टार्ट अप डैफटेरिया का अवलोकन किया। उन्होंने इस नवोन्मेषी उद्यमी प्रयास को सराहा।
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(Udaipur Kiran) / अनिल