इलैक्ट्रिक बसों को विभाग के लिए बताया नुकसानदायक, साधारण बसों की मांग
हिसार, 25 जनवरी (Udaipur Kiran) । हरियाणा सरकार द्वारा हिसार में निजी कंपनी की पांच
सिटी इलैक्ट्रिक बसें चलाए जाने के खिलाफ रोडवेज यूनियने मुखर हो गई है। यूनियनों से
शनिवार को हिसार डिपो में सुबह 10 से 12 बजे तक प्रदर्शन किया और जोरदार नारेबाजी करते
हुए विभाग के बेड़े में साधारण बसों की संख्या बढ़ाने, जनता को सुविधाएं देने व बेरोजगारों
को रोजगार देने की मांग की गई। प्रदर्शन के बाद रोडवेज अधिकारियों को मांगों का ज्ञापन
दिया गया।हिसार डिपो प्रांगण में हुए प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जनता
के पैसे से खड़ा किए गए परिवहन विभाग का निजीकरण करके सरकार इसे साहूकारों को सौंपना
चाहती है।
प्रदर्शन की अध्यक्षता डिपो प्रधान राजकुमार चौहान, अजय दुहन, राजवीर दुहन
व नरेंद्र खरड़ ने संयुक्त रूप से की जबकि विरोध प्रदर्शन का संचालन सुरजमल पाबडा़
ने किया। प्रदर्शन करते हुए संगठन नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा हिसार, रोहतक
अंबाला, सोनीपत व रेवाड़ी डिपो में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के निर्णय के विरुद्ध इन
पांचों डिपुओं में दो घंटे विरोध प्रदर्शन करने व महाप्रबंधकों के माध्यम से विभाग
के महानिदेशक के नाम ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया। कर्मचारी नेताओं ने बताया इलैक्ट्रिक
बसें 62 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से चलाने का निर्णय है। एक इलेक्ट्रॉनिक बस के
बदले साधारण 6 बसें आ सकती है।
पूरे हरियाणा में सभी डिपुओं में 50-50 बसें लाने का
जो निर्णय है अगर उसकी जगह पर साधारण 300-300 बसें डिपो के बेड़े में शामिल हो तो हरियाणा
में लगभग 7200 से अधिक बसें उपलब्ध होसकती है मगर सरकार ऐसा नहीं कर रही। इसके साथ
ही एक बस पर 6 बेरोजगारों को रोजगार मिलता है। अगर इलेक्ट्रिक बसें ही सरकार चलाना
चाहती है तो सरकार खुद अपनी बसें खरीदें और रोडवेज के बेड़े में शामिल करें। संगठन नेताओं ने कहा कि 62 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से बसें चलाने के
निर्णय से जनता पर महंगा किराया के साथ विभाग को घाटा भुगतना पड़ेगा। इस स्कीम से बस
में छात्र-छात्राओं व रोडवेज के स्टाफ को भी बैठने की अनुमति नहीं होगी। जिस निजी बस
में छात्र-छात्राओं व हरियाणा रोडवेज द्वारा दी जा रही 47 कैटिगिरी को सब्सिडी नहीं
मिलेगी तो यह बसें आम जनता के किस काम की।
अगर साधारण बसें लाई जाती है तो पूरे हरियाणा
को बेहतर सेवाएं प्रदान होती और और हरियाणा के प्रत्येक गांव के साधारण किसान मजदूरों
के बच्चे छात्र-छात्राओं को आसान परिवहन सेवाएं उपलब्ध होती। सांझा मोर्चा नेताओं ने
राज्य सरकार एवं परिवहन मंत्री से अपील की कि रोडवेज के बेड़े में प्राइवेट किलोमीटर
स्कीम की बसे न लाकररोडवेज के बेड़े में सरकारी
बसें शामिल करें और इस निजीकरण की नीतियों को बंद करें। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों
के मांग मुद्दों पर जल्द से जल्द बुलाकर बातचीत के माध्यम से निपटारा करें। अगर उपरोक्त
बातों पर सरकार ध्यान नहीं देती है तो रोडवेज कर्मचारी आंदोलन को तेज करने पर मजबूर
होंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी इसलिए मांग करते समय रहते उपरोक्त
में लिए गए निजीकरण के फैसले को वापस करें। विरोध प्रदर्शन में पवन कनोह, सुभाष दनोदा
व सुरेश मलिक सहित अन्य नेता व कर्मचारी मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर