– हेल्थ ऑफ इंदौर अभियान में विगत दो दिनों में 50 हजार से अधिक युवाओं की हुई प्रीवेंटिव हेल्थ केयर टेस्ट
इंदौर, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में ऋषि, मुनियों, संत और महात्माओं ने हमें स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का पाठ सिखाया है। ऋषि, मुनियों, संत और महात्माओं के बताये मार्गों और सिद्धांतों पर चलकर हम स्वस्थ जीवनशैली प्राप्त कर सकते हैं। आज के इस युग में आहार, विहार और संयमित दिनचर्या रखने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार देर शाम यहां सांसद सेवा संकल्प अभियान हेल्थ ऑफ इंदौर और दिगम्बर जैन समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। स्वस्थ युवा समर्थ राष्ट्र के ध्येय को लेकर सांसद शंकर लालवानी की पहल पर सांसद सेवा संकल्प अभियान हेल्थ ऑफ इंदौर के तहत विगत दो दिनों में 50 हजार से अधिक युवाओं की प्रीवेंटिव हेल्थ केयर टेस्ट की गई। इस अभियान में इसे मिलाकर अब तक तीन लाख से अधिक नागरिकों की प्रीवेंटिव हेल्थ केयर टेस्ट की गई है।
इस कार्यक्रम में मुनि प्रमाण सागर महाराज, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी तथा कविता पाटीदार, विधायक मालिनी गौड़, गोलू शुक्ला, मधु वर्मा तथा मनोज पटेल, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, गौरव रणदीवे सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की दिनचर्या में दिन-प्रतिदिन सेहत में तेजी से विकृति आ रही है। भारतीय संस्कृति और जैन समाज की जीवनशैली अपने आप में अनूठी एवं स्वास्थ्यप्रद है। स्वस्थ जीवन के लिए भारतीय संस्कृति में बतायी गई जीवन शैली से सीख लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज सीधी, सरल, सहज, सात्विक जीवन शैली अपनाने की जरूरत है। हमें स्वस्थ रहने के लिये आहार, विहार, दिनचर्या भी संयमित रखना होगी। इससे स्वस्थ जीवन में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुनि प्रमाण सागर महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच प्राण भारतीय सनातन धर्म में माने गए हैं। पंच प्राणों पर नियंत्रण होने से व्यक्ति महानता की श्रेणी में आते हैं। ऋषि, मुनि, संत और महात्माओं ने हमें पांच प्राणों को नियंत्रित करना सिखाया हैं। उन्होंने प्रीवेंटिव हेल्थ केयर अभियान की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा निर्णय लेकर पालन कराया जा रहा है कि प्रदेश में खुले में मांस की दुकानें नहीं चलेंगी। गौवंश के संरक्षण के लिए भी अनेक निर्णय लिए गए हैं। गौशालाओं के संचालन के लिए राशि दोगुनी कर दी गई है। गौशालाओं का संचालन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। गौ दुग्ध उत्पादन पर बोनस दिए जाने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि नर्मदा नदी के किनारे के क्षेत्रों में मांस मदिरा की दुकानें नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन की रक्षा करना सरकार की जवाबदारी है। जीवन सुरक्षा के लिए हर जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।
कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी ने संबोधित करते हुए हेल्थ ऑफ इंदौर अभियान की पृष्ठभूमि तथा उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अभियान का विस्तार किया जाएगा। अब इस अभियान से जैन समाज को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रीवेंटिव हेल्थ केयर के बारे में युवाओं को जागरूक करने की जरूरत है। इस अभियान को मध्यप्रदेश सहित पूरे देश में लागू किया जाना समय की आवश्यकता है।
मुनि प्रमाण सागर महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति अपने आप को स्वस्थ रखने की संस्कृति है। आज खानपान और जीवन शैली पर विचार करने की जरूरत है। खान-पान और जीवन शैली दोनों में विकृति आई है। अपने आहार, विहार में सुधार लाएं, जीवन अपने आप स्वस्थ रहेगा। बीमारियों से बचने के लिए जीवन शैली, खानपान में सुधार लाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि समाज में ऐसा वातावरण बनाएं कि कोई बीमार ही नहीं हो। समाज समग्रता के साथ स्वस्थ रहे, ऐसे प्रयास किये जाए। समाज में आध्यात्मिक क्रांति की जरूरत है। अध्यात्म स्वस्थ समाज के निर्माण का मूलभूत आधार है। गौवंश की सुरक्षा के लिए किये जा रहे राज्य शासन के प्रयासों की सराहना की।
सेंट्रल लैब की डॉ. विनीता कोठारी ने अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह अभियान अपने आप में अनूठा अभियान है। अभियान के तीन रिकार्ड बन चुके हैं। इस अभियान की रिपोर्ट स्वास्थ्य नीति बनाने में बेहद मददगार होगी। कार्यक्रम में मुनि निर्वेगसागर महाराज, संधानसागर महाराज सहित बड़ी संख्या में धर्मालु उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) तोमर