कोलकाता, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करने वाले पूर्व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट अख्तर अली ने अब राज्य के एक और सरकारी अस्पताल में अनियमितताओं का दावा किया है। उन्होंने इसके खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
आर.जी. कर मामले में अख्तर अली की याचिका पर कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-पीठ ने मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी।
अब, वही व्हिसलब्लोअर मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्वास्थ्य और सुरक्षा कर्मियों की अवैध बर्खास्तगी और उनकी जगह भारी कमीशन लेकर नई भर्तियों के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
अख्तर अली का दावा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान लगातार सेवाएं देने वाले मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज के स्वास्थ्य और सुरक्षा कर्मचारियों को अचानक उनके कार्यों से हटा दिया गया। उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उन्हें बाद में पुनः बहाल किया जाएगा। हालांकि, इसके बजाय, अस्पताल प्रशासन ने नए कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी और इस प्रक्रिया में कई अनियमितताएं हुईं, जिनमें कमीशन लेकर भर्तियां करना शामिल था।
अख्तर अली ने अब अवैध रूप से बर्खास्त कर्मचारियों की ओर से अदालत में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। उनके वकील ने अदालत में याचिका दाखिल करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों और कागजात एकत्र करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अली ने बताया कि उन्होंने 2022 में मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में हुई अनियमितताओं की शिकायत पहले पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग से की थी और बाद में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को भी इसकी सूचना दी थी। लेकिन किसी भी विभाग ने उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया और न ही कोई जांच शुरू की। इसी कारण अब उन्होंने इस मामले को लेकर अदालत का रुख करने का फैसला किया है। उनकी याचिका पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। उस समय संदीप घोष वहां प्रशासनिक प्रमुख के पद पर थे।
अख्तर अली का यह कदम मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज के उन कर्मचारियों के लिए उम्मीद की एक किरण बन सकता है, जो न्याय की तलाश में हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर