कोलकाता, 10 दिसंबर (Udaipur Kiran) । आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़िता के माता-पिता ने सीबीआई की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि सीबीआई अदालत में झूठ बोल रही है और उनके साथ नियमित संपर्क नहीं रख रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च 2025 को निर्धारित की है।
पीड़िता के पिता ने कहा, हमें नहीं पता था कि अदालत में खड़े होकर झूठ बोला जा सकता है। सीबीआई ने अदालत में कहा कि वह हमारे साथ नियमित संपर्क में है, लेकिन हमें कुछ भी जानकारी नहीं दी जाती। उन्होंने सीबीआई पर बिना सूचना दिए सियालदह अदालत में चार्जशीट दाखिल करने का भी आरोप लगाया।
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माता-पिता की निराशा
पीड़िता की मां ने भी सीबीआई की कार्यशैली पर निराशा जताते हुए कहा, आज भी हमें यह नहीं पता चला कि हमारी बेटी की हत्या क्यों हुई। हालांकि, उन्होंने सीबीआई से पूरी तरह भरोसा नहीं खोया है और उम्मीद जताई कि एजेंसी दोषियों को सामने लाएगी।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मामले की सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश ने सीबीआई से पूछा कि निचली अदालत में ट्रायल कब तक पूरा होगा। सीबीआई के वकील तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि ट्रायल तेजी से चल रहा है और जल्द ही पूरा हो जाएगा।
पीड़िता के वकील वृंदा ग्रोवर ने भी कहा कि निचली अदालत में लगभग हर दिन सुनवाई हो रही है। अब तक 51 गवाहों में से 43 की गवाही हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च 2025 को तय की है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यदि निचली अदालत में ट्रायल में देरी होती है, तो इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया जा सकता है।
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न्याय प्रणाली पर सवाल, लेकिन भरोसा कायम
पीड़िता के पिता ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही में देरी पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि हम न्याय व्यवस्था को लेकर असमंजस में हैं। इतनी देर क्यों हो रही है? हालांकि, उन्होंने कहा कि वे कानून के रास्ते पर ही भरोसा रखेंगे।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर