
रेवाड़ी, 28 मार्च (Udaipur Kiran) । लघु सचिवालय स्थित सभागार में शुक्रवार को उपायुक्त अभिषेक मीणा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित हुई। उन्होंने बैठक में अब तक अत्याचार अधिनियम 1989 के अंतर्गत पीड़ित व्यक्तियों को दी गई राहत और पुनर्वास सुविधाएं तथा उनसे संबंधित अन्य मामलों के क्रियान्वयन के बारे में कमेटी के सदस्यों से उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्तियों को नियमों व अत्याचार अधिनियम के तहत उनकी सहायता करने में संबंधित विभाग के अधिकारी देरी न करें। इसके लिए अधिकारी आपस में तालमेल स्थापित कर कार्य करें।
इस अधिनियम के अधीन गैर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों पर अत्याचार किये जाने के फलस्वरूप आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि विभिन्न प्रकार के अत्याचारों जैसे मारपीट, छेड़छाड़, अभद्र व्यवहार, दुष्कर्म तथा हत्या आदि के घटित होने पर प्रदान की जाती है। समाज में ऐसी घटनाएं न हो, इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम संबंधित गतिविधियां करवाई जानी चाहिए। वहीं स्कूलों में भी जागरूकता कार्यक्रम करवाकर विद्यार्थियों को भी जागरूक उन्होंने कहा कि एससी एसटी एक्ट में दर्ज मुकदमों में समस्याओं का त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया जाए।
प्रकरण दर्ज होने पर त्वरित रूप से तहरीर की कार्यवाही करें। संबंधित फरियादी से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर समय पूर्व जरूरी समन्वय का कार्य भी किया जाए। उन्होंने पीड़ित परिवार को मिलने वाली आर्थिक सहायता जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आर्थिक सहायता से संबंधित पीड़ित परिवार को भावनात्मक रूप में भी काफी सहारा मिलता है। जिला कल्याण अधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम एवं नियम के तहत प्राप्त 31 मामलों में 54 लाख रुपए की आर्थिक सहायता पीड़ितों को दे दी गई है। बैठक में डीएसपी रविंद्र कुमार, जिला कल्याण अधिकारी अमित शर्मा, डॉ धर्मेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला
