Bihar

मंत्री विजय चौधरी की अध्यक्षता में खरीफ सिंचाई के लिए विभाग की बैठक,59 योजनाओं की हुई समीक्षा

जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी बैठक के दौरान

पटना, 16 मई (Udaipur Kiran) । खरीफ सिंचाई 2025 के लिए पूर्व तैयारियों की समीक्षा के लिए शुक्रवार को जल संसाधन विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में को एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में दरभंगा, सहरसा, सिवान, मोतिहारी, डिहरी, औरंगाबाद, गया, बिहारशरीफ एवं भागलपुर परिक्षेत्र की कुल 59 योजनाओं की बिंदुवार समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्त, सोन, कोसी, गंडक नहर प्रणाली तथा चंदन-बदुआ सहित अन्य जलाशय आधारित योजनाओं की नहर संचालन अवधि पर भी विस्तार से चर्चा हुई।

मंत्री ने सभी योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा करते हुए पदाधिकारियों से बिंदुवार जानकारी प्राप्त की। बैठक में बताया गया कि दरभंगा परिक्षेत्र में शीर्ष 2700 मद अंतर्गत 7 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, जिनमें से 5 योजनाओं पर कार्य प्रारंभ हो चुका है तथा शेष दो की पुनर्निविदा प्रक्रिया प्रगति में है। कार्यों की कुल लागत 1.4536 करोड़ है, और इन्हें खरीफ सीजन से पूर्व पूर्ण कर लेने का लक्ष्य है। संबंधित यांत्रिक प्रमंडल द्वारा सभी नहर गेटों का संयुक्त निरीक्षण भी किया जा चुका है।

सहरसा परिक्षेत्र में शीर्ष 2700 मद के अंतर्गत 10 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति जारी हो चुकी है और सभी योजनाओं पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। इनकी कुल लागत 5.8353 करोड़ है और कार्य 10 प्रमंडलों में चल रहे हैं। बीते वर्ष के 19 कटान स्थलों की मरम्मति भी सफलतापूर्वक पूर्ण कर ली गई है।

मोतीहारी परिक्षेत्र के अंतर्गत 10 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है और सभी 10 कार्यादेश शीघ्र निर्गत किए जा रहे हैं। इन कार्यों की कुल लागत 5.3760 करोड़ है, जिनसे 10 प्रमंडल लाभान्वित होंगे। इसके साथ ही 4 पूर्व कटानों की मरम्मति कार्य पूर्ण हो चुकी है।

सिवान परिक्षेत्र में शीर्ष 2700 मद अंतर्गत 2 योजनाओं को स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिन पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। कुल लागत 1.0752 करोड़ है और दो प्रमंडल इस योजना से लाभान्वित होंगे। बीते वर्ष के 4 कटानों की मरम्मति कार्य भी पूर्ण हो चुका है।

डिहरी, औरंगाबाद, गया, बिहारशरीफ एवं भागलपुर की कुल 30 योजनाओं की कार्यों की भी गहन समीक्षा की गई।

बैठक के दौरान मंत्री चौधरी ने निर्देशित किया कि सभी योजनाओं की सतत मानिटरिंग सुनिश्चित की जाए, गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता न हो और कार्यों का समयबद्ध निष्पादन हो। उन्होंने स्पष्ट कहा कि योजनाओं को लेकर पदाधिकारी प्रत्येक स्तर पर निरीक्षण करते रहें ताकि ससमय कार्य पूर्ण हो सके। इसके साथ ही यदि किसी एजेंसी द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी

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