शिमला, 04 मई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश सरकार की अभिनव पहल ‘राजस्व लोक अदालतें’ राजस्व संबंधी समस्याओं के समाधान में बेहद प्रभावी सिद्ध हो रही हैं। अक्तूबर 2023 से मार्च 2025 तक राज्यभर में आयोजित इन अदालतों में अब तक 3,25,926 लंबित मामलों का निपटारा किया जा चुका है। इससे लोगों को राहत मिली है और प्रशासनिक तंत्र की दक्षता भी उजागर हुई है।
राजस्व विभाग के प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि इस अवधि में 2,75,004 इंतकाल, 16,258 तकसीम, 27,404 निशानदेही और 7,260 दुरुस्ती के मामलों को सुलझाया गया। यह पहली बार है जब प्रदेश में इतने बड़े स्तर पर राजस्व से जुड़े मामलों का समाधान एक तय प्रक्रिया के तहत किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि लोक अदालतों के आयोजन से आम लोगों को अपने मसले सुलझवाने के लिए बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं। इस पहल से राजस्व सेवाओं में पारदर्शिता आई है और कामकाज की रफ्तार में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देश पर लोक अदालतों के साथ-साथ राजस्व तंत्र को डिजिटल प्लेटफॉर्म से भी जोड़ा जा रहा है। राजस्व अधिकारियों को आधुनिक तकनीक और डिजिटल टूल्स अपनाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि जनता को समयबद्ध और सुलभ सेवाएं मिल सकें।
प्रवक्ता ने बताया कि तहसील और उप-तहसील स्तर पर नियमित अंतराल पर आयोजित हो रही ये लोक अदालतें सरकार की नागरिक हितैषी सोच का प्रतीक हैं। इनसे न केवल लम्बित मामलों का समाधान हो रहा है, बल्कि प्रशासन और आम जनता के बीच भरोसे की एक मजबूत कड़ी भी बन रही है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
