Uttar Pradesh

एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपियों में राजस्व निरीक्षक सस्पेंड

एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपियों में राजस्व निरीक्षक सस्पेंड

–अरबों रुपये की सरकारी जमीन के रेकार्ड में हेराफेरी मामल में बड़ी कार्रवाई

हमीरपुर, 01 मई (Udaipur Kiran) । हमीरपुर जिला मुख्यालय में डीएम आवास और इससे जुड़ी अरबों रुपये कीमत की सरकारी जमीन पर प्रशासनिक अफसरों व राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से थर्ड पार्टी का दावा होने के मामले में अब प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकारी जमीन के रेकार्ड में हेराफेरी कर दूसरे पक्ष के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बड़े खेल का खुलासा होने पर तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार समेत तेरह लोग अब कार्रवाई की जद में आ गए हैं। पूरे मामले की एफआईआर दर्ज होने के बाद यहां आरोपितों में एक राजस्व निरीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि हमीरपुर शहर के पूरब दिशा में अंग्रेजों के जमाने का एक बंगला बना है, जहां जिलाधिकारी का कैम्प आफिस चल रहा है। वर्ष 1757 में 23 जून को प्लासी युद्ध में बंगाल के नवाब सिराजुद्दोला को मीरजाफर की गद्दारी से ब्रिटिश कंपनी के सैनिकों ने भारत में शासन की आधारशिला रखी थी। अंग्रेजी हुकूमत की स्थापना के सौ साल बाद 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ बगावत की चिंगारी पूरे भारत में फैल गई थी। उस जमाने में हमीरपुर के अंग्रेज कलेक्टर टीके लायड थे। जिन्हें स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन मे गोलियों से भूना गया था। यह बंगला आज भी अपनी भव्यता को संजोए है।

इसी बंगले में सदियों से कलेक्टर रह रहे हैं। कलेक्टर (डीएम) बंगला और इससे जुड़ी अरबों रुपये की सरकारी जमीन पर प्रशासनिक अफसरों और राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से सिंघल परिवार ने दावा ठोका था। सरकारी जमीन के अभिलेखों में हेराफेरी कर सिंघल परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए जमकर फर्जीवाड़ा किया गया। डीएम बंगला व इससे जुड़ी सैकड़ों एकड़ भूमि को कब्जाने के लिए विपक्षी हाईकोर्ट तक मामला ले गए थे। कई बार कानूनी लड़ाई में राजस्व कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही के कारण सरकार को करोड़ों रुपये का झटका लगा था।

सरकारी जमीन के रेकार्ड में हेराफेरी करने में राजस्व निरीक्षक सस्पेंडकरीब दस अरब रुपये कीमत की सरकारी जमीन के अभिलेखों में हेराफेरी कर विपक्षियों को लाभ पहुंचाने के मामले में यहां के एसडीएम एसपी विश्वकर्मा ने सदर कोतवाली में तत्कालीन एसडीएम बीके गुप्ता, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल समेत तेरह लोगों पर एफआईआर लिखाई गई थी। एफआईआर दर्ज होने के चौबीस घंटे के अंदर यहां इस बड़े जालसाजी के खेल में शामिल आरोपितों में राजस्व निरीक्षक राजकिशोर को डीएम के आदेश पर सस्पेंड कर दिया गया है। ये राजस्व निरीक्षक मौदहा तहसील में तैनात है।

इस कार्रवाई से राजस्व डिपार्टमेंट में हड़कम्प मचा हुआ है। डिपार्टमेंट के तमाम लोगों का कहना है कि इस फर्जीवाड़े में प्रशासनिक अफसर व कर्मी रिटायर्ड हो चुके हैं। वहीं राजस्व निरीक्षक राजकिशोर मौजूदा में तहसील मौदहा में तैनात है।

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(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा

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