Madhya Pradesh

इंदौर जिले में आवेदकों की संतुष्टि के साथ समय पर सुनिश्चित होगा राजस्व प्रकरणों का निराकरणः कलेक्टर

राजस्व अधिकारियों की बैठक

– जिले में विगत 6 माह में निराकृत किए गए सभी आवेदकों से फोन पर फीडबैक लेकर पता किया जाएगा संतुष्टि का स्तर

– राजस्व प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले तीन पटवारी किए गए निलंबित

इंदौर, 22 फरवरी (Udaipur Kiran) । इंदौर जिले में आवेदकों की संतुष्टि के साथ समय पर राजस्व प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिले में कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर राजस्व प्रकरणों के निराकरण के संबंध में आवेदकों से उनका फीडबैक लेने और संतुष्टि का स्तर पता करने के लिए सुशासन संवाद केंद्र की स्थापना की गई है। इस केंद्र ने अपना कार्य प्रारंभ कर दिया है। विगत 6 माह में जिले में निराकृत किए गए सभी राजस्व प्रकरणों से संबंधित प्रत्येक आवेदकों से उनका फीडबैक और संतुष्टि का स्तर फोन कर पता किया जाएगा। जिले में आज राजस्व प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने पर तीन पटवारियों को निलंबित किया गया है।

यह जानकारी शनिवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने यहां सभी अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित अन्य राजस्व अधिकारियों की बैठक में दी। बैठक में उन्होंने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी पूरी लगन, मेहनत, ईमानदारी, कर्मठता के साथ सुविधापूर्वक पारदर्शी रूप से कार्य करें। सभी अधिकारी राजस्व प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में करें। अपने कर्तव्यों के निर्वहन में किसी भी तरह की लापरवाही तथा उदासीनता नहीं बरतें। उदासीनता और लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी। लापरवाही तथा उदासीनता बरतने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने पर आज महू क्षेत्र के दो और देपालपुर क्षेत्र के एक पटवारी को निलंबित किया गया है। जिन्हें निलंबित किया गया है उनमें महू क्षेत्र के नागेंद्र ग्वाले, आकाशदीप भरकुण्डिया और देपालपुर क्षेत्र की अर्चना सांवले शामिल है।

बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने विवादित तथा अविवादित नामांतरण और बटवारा, सीमांकन के लंबित प्रकरणों के निराकरण की अधिकारीवार प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी राजस्व प्रकरण निर्धारित समय-सीमा में निराकृत किया जाये। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये जिससे कि आवेदकों को परेशान नहीं होना पड़े। उनका कार्य सहजता के साथ पारदर्शी रूप से समय पर हो। उन्हें अपने कार्यों के लिये भटकना नहीं पड़े। प्रत्येक आवेदक से आवेदन पर उनका फोन नंबर लिखवाया जाए। सुशासन संवाद केंद्र से इस फोन पर चर्चा कर फीडबैक और संतुष्टि का स्तर पता किया जाएगा। यह भी पता किया जाएगा कि उन्हें किसी तरह की परेशानी तो नहीं हुई है। आवेदकों के फीडबैक और संतुष्टि स्तर को पंजीबद्ध भी किया जाएगा।

उन्होंने निर्देश दिये कि सभी अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारियों के कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करें। उन पर नियंत्रण भी रखें, जिससे कि वे अनुशासित होकर आमजन के कार्य सहजता के साथ करें। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी अधिकारी सुनिश्चित करें कि सभी राजस्व प्रकरण आरसीएमएस पोर्टल में दर्ज हो। कोई भी प्रकरण दर्ज होने से वंचित नहीं रहे। अगर एक भी प्रकरण आरसीएमएस पोर्टल में दर्ज होने के बगैर पाया जाता है तो संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। राजस्व प्रकरण समय-सीमा में निराकृत किये जाये।

उन्होंने डायवर्सन सहित अन्य राजस्व बकाया वसूली पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। कहा कि वित्तीय वर्ष के मात्र एक माह शेष है, लक्ष्य पूर्णता के लिये तेजी से कार्य करें। जिले में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप वसूली के लिए उन्होंने विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन कम से कम एक करोड़ रुपए की राजस्व वसूली की जाये। बैठक में अपर कलेक्टर गौरव बेनल, रोशन राय, राजेन्द्र रघुवंशी, निशा डामोर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

संभागीय बैठक में दिए गए निर्देशों के परिपालन की भी समीक्षा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुपम राजन के अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में लिए गए निर्णयों तथा दिए गए निर्देशों के परिपालन की कलेक्टर आशीष सिंह ने आज समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि उक्त बैठक में लिए गए निर्णय तथा दिये गए निर्देशों के परिपालन में संबंधित विभागों द्वारा कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझावों का अमल किया जाए। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

(Udaipur Kiran) तोमर

Most Popular

To Top