
—उत्तर प्रदेश विधान परिषद की शिक्षा व्यवसायीकरण जांच समिति ने की बैठक
वाराणसी,06 जून (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश विधान परिषद की शिक्षा व्यवसायीकरण जांच समिति ने शिक्षा क्षेत्र में व्यवसायीकरण की शिकायतों की जांच एवं शिक्षा क्षेत्र में बेहतर सुझाव के लिए समिति का गठन किया है। समिति ने छात्रों की सुरक्षा के लिए दुर्घटना बीमा और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ने का निर्देश भी कालेज प्रबंधन को दिया है।
शुक्रवार को यहां सर्किट हाउस में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की शिक्षा व्यवसायीकरण जांच समिति ने वाराणसी परिक्षेत्र के अफसरों और शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ बैठक की।
-प्राचीन गुरुकुल परंपरा से वर्तमान शिक्षा व्यवस्था तक की चर्चा
बैठक में समिति के सभापति डॉ. मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने प्राचीन शिक्षा व्यवस्था में गुरुकुल परंपरा का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक में शिक्षा का निजीकरण किया गया । लेकिन निजीकरण की आड़ में शिक्षा का व्यवसायीकरण शुरू हुआ। व्यवसायीकरण से ही शिक्षक तथा छात्रों का शोषण शुरू हुआ। सभापति ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में व्यवसायीकरण की शिकायतों की जांच एवं शिक्षा क्षेत्र में बेहतर सुझाव के लिए उत्तर प्रदेश विधान परिषद ने शिक्षा के व्यवसायीकरण की जांच संबंधी समिति का गठन किया है। समिति के समक्ष जो सूचनाएं प्रस्तुत की जाएं वह सत्य एवं तथ्यात्मक हों। सभापति ने वाराणसी परिक्षेत्र के सरकारी/प्राइवेट इंजीनियरिंग मैनेजमेंट कालेज/डिप्लोमा, आईटीआई कालेजों की जानकारी प्राप्त की। इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, डिप्लोमा, आईटीआई और फार्मेसी कॉलेजों में 2021-22, 2022-23, 2023-24 से अब तक हुई छात्र दुर्घटनाओं की समीक्षा की गई।
-छात्र सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
छात्रों की सुरक्षा के लिए दुर्घटना बीमा और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ने का निर्देश दिया गया। सभापति ने कहा कि यदि इन कालेजों में पढने वाले छात्र-छात्राओं के साथ कोई दुर्घटना हुई है तो इससे संबंधित सारी सूचना उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने समस्त छात्र-छात्राओं का बीमा कराए जाने के निर्देश दिए। बैठक में 15 वर्ष से पुरानी गाड़ियों को सेवा से हटाने का आदेश दिया गया। चालकों और परिचालकों का वेरिफिकेशन और स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य किया गया है। स्कूली वाहनों में सुरक्षा के दृष्टिगत से महिला परिचारक नियुक्त करने के आदेश दिये। आरटीओ को विगत दिनों में स्कूली वाहनों में सीसीटीवी चेकिंग की पूरी डिटेल्स 15 दिन में समिति के समक्ष उपलब्ध कराने को कहा। उन्हाेंने कहा कि सड़क पर बच्चों के साथ भरी बस को चेक न किया जाये, विद्यालय पहुँचने पर ही या वाहन खाली होने पर ही चेकिंग की जाये। सभापति ने विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं की समीक्षा की । प्रत्येक विद्यालय में फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था 15 जुलाई तक करने का निर्देश दिया गया। सीबीएसई, आईसीएससी या यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालयों द्वारा अवैध रूप से चलाई जा रही शाखाओं की जांच का आदेश दिया गया। समिति द्वारा बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में विद्युतीकरण की भी जानकारियां ली गयीं। बीएसए चंदौली को आरटीई के तहत चयनित बच्चों की जानकारियां नहीं होने पर सख्त नाराजगी जताते हुए समिति को डाटा उपलब्ध कराने को कहा। सभापति ने कहा कि जो कॉलेज छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं करते हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। छात्र/छात्राओं को कॉलेज छोड़ने पर कॉशन मनी की वापसी अनिवार्य की गयी है। बैठक में धन्यवाद ज्ञापन जिलाधिकारी चंदौली चंद्र मोहन गर्ग ने दिया।
बैठक में समिति के सदस्य अंगद कुमार सिंह, विजय बहादुर पाठक, एसपी चंदौली आदित्य, डीसीपी ट्रैफिक वाराणसी अनिल यादव, सीडीओ चंदौली आर. जगत साईं, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार, सीएमओ, बीएसए, लोकनिर्माण, परिवहन समेत दोनों जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
