HimachalPradesh

भूंकप से बचाव के लिए ईमारतों की रेट्रोफिटिंग जरूरी : उपायुक्त

कार्यशाला के दौरान उपायुक्त और अन्य।

धर्मशाला, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) ।

उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि भूकंप से नुक्सान को कम करने के लिए ईमारतों की रेट्रोफिटिंग जरूरी है तथा इसी दिशा में प्रारंभिक तौर पर विद्यालयों तथा अस्पतालों की इमारतों को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से रेट्रोफिटिंग का प्रयास आरंभ किया गया है।

बुधवार को धौलाधार होटल में हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से सिविल इंजीनियरों के लिए भूकंप रेट्रोफिटिंग और मरम्मत तकनीकों पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ करने के उपरांत उपायुक्त हेमराज बैरवा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील है, इसलिए यहां के घरों और इमारतों को भूकंप रेट्रोफिटिंग की आवश्यकता है। यह तकनीक भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करती है। भूकंप रेट्रोफिटिंग से इमारतों में रहने वाले लोगों की जानमाल की सुरक्षा होती है।

जिला में 10 अस्पताल और स्कूल भवनों में होगी रेट्रोफिटिंग

उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिला में अभी तक 10 ईमारतों की रेट्रोफिटिंग के लिए राज्य आपदा प्रबन्धन ने पैसे जारी किए हैं। इन 10 ईमारतों में अस्पताल और स्कूल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के लिए 30 ईमारतों का चयन किया गया है।

रेट्रोफिटिंग तकनीक से कम होगा भूकंप से होने वाला नुकसान : डीसी राणा

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक डीसी राणा ने कहा कि राज्य सरकार भी आपदा प्रबंधन को लेकर उच्च स्तर पर कार्य रही है। इस बाबत आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि हिमाचल में भूकंप जैसी आपदा से होने वाले नुक्सान को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत के सबसे अधिक भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में संरचनात्मक सुरक्षा को बढ़ाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पहचानते हुए, हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) पूरे राज्य में सुरक्षित निर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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