जयपुर, 25 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने रिटायर नायब तहसीलदारों व गिरदावरों के खिलाफ निकाली गई राशि की वसूली पर अंतरिम रोक लगाते हुए प्रमुख राजस्व सचिव, पेंशन निदेशक सहित तहसीलदार सपोटरा से जवाब देने के लिए कहा है। जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश नूरुद्दीन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता करौली जिले की सपोटरा तहसील में गिरदावर के पद पर कार्यरत थे। उन्हें बाद में कार्य व्यवस्था के तौर पर नायब तहसीलदार पद की जिम्मेदारी दी। वे अपना कार्य नियमित तौर पर करते रहे। इस दौरान दो से चार साल पहले वे अपने पदों से रिटायर हो गए। वहीं तहसीलदार सपोटरा ने नवंबर 2024 में उन्हें बिना कोई नोटिस व सुनवाई का मौका दिए उनके सेवाकाल में रहने के दौरान के यात्रा भत्ता बिलों को अनियमित भुगतान माना। वहीं उन्हेें इस राशि की वसूली का आदेश जारी कर दिया। इसे याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वसूली आदेश से पहले उनसे ना तो कोई स्पष्टीकरण मांगा है और ना ही यह स्पष्ट किया है कि यह राशि कौन से समय की है। वहीं राज्य सरकार ने समय-समय पर परिपत्र जारी कर रखे हैं कि रिटायर कर्मचारियों से तीन साल पहले के मामलों में कोई जांच कार्रवाई नहीं होगी। इसलिए उनसे होने वाली राशि की वसूली पर रोक लगाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने रिकवरी पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)