–याचिका में कुलपति पर मनमानी कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप
प्रयागराज, 11 नवम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति की मनमानी के खिलाफ दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार व विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने अधिवक्ता हरिकेश बहादुर सिंह की जनहित याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता ने बहस की कि बीएचयू के रजिस्ट्रार ने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा था कि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में कार्यकारिणी परिषद 2021 से गठित नहीं है। कार्यकारिणी परिषद को ही विश्वविद्यालय के लिए नियम बनाने, नियुक्ति व वित्तीय मामलों में फैसला लेने का अधिकार है। कार्यकारिणी के गठित न होने से कुलपति ही सारे फैसले ले रहे हैं। यह नियमों का खुला उल्लंघन है। जिस पर कोर्ट ने केन्द्र सरकार व विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है।
याची का आरोप है कि कुलपति जानबूझ कर कार्यकारिणी का गठन नहीं होने देना चाह रहे हैं। इसके चलते विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार कर गलत नियुक्तियां की जा रही हैं। जो कर्मचारी इसके खिलाफ आवाज उठाता है उस पर कार्रवाई की जाती है। विशेषाधिकारों का गलत प्रयोग किया जा रहा है। याचिका की अगली सुनवाई पांच दिसम्बर को होगी।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे