HimachalPradesh

निजी स्कूलों में वंचिताें के लिए 25 फीसदी सीटाें का आरक्षण अनिवार्य 

शिमला, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के अंतर्गत निजी स्कूलों में सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य है। इसका उद्देश्य शिक्षा में समावेशिता और समानता को बढ़ावा देना है।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने साेमवार काे बताया कि वंचित वर्गों और विशेष समूहों के बच्चे इन आरक्षित सीटों के लिए पात्र होंगे। स्कूल किसी भी बच्चे को प्रवेश देने से इंकार नहीं कर सकते हैं और अधिक आवेदन वाले स्कूलों में प्रवेश लॉटरी के माध्यम से तय किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि स्कूलों को ट्यूशन फीस या सरकारी स्कूलों में प्रति-छात्र व्यय के लिए प्रतिपूर्ति की जाती है, जो भी कम हो का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है।

उन्होंने बताया कि वंचित वर्गों के बच्चों को निजी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके, इसके लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए निजी स्कूलों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन करना होगा और 25 प्रतिशत सीटें पात्र बच्चों के लिए आरक्षित कर पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया अपनानी होगी। 25 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों के आवेदन करने की स्थिति में लॉटरी से प्रवेश प्रक्रिया अपनानी होगी।

(Udaipur Kiran) शुक्ला

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