
सोनीपत, 7 मार्च (Udaipur Kiran) । दीनबंधु
छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल ने शोध और नवाचार को बढ़ावा
देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। कुलपति प्रो. श्री प्रकाश सिंह ने शुक्रवार को
घोषणा की है कि विश्वविद्यालय शोधार्थियों को पेटेंट फाइल करने में सहायता करेगा और
उनके शोध पत्रों के प्रकाशन पर प्रोत्साहन भी देगा। इस फैसले पर शोधार्थियों ने कुलपति
का आभार जताते हुए धन्यवाद दिया।
कुलपति
प्रो. सिंह ने विश्वविद्यालय सचिवालय में शोधार्थियों के साथ बैठक में कहा कि देश वही
विकसित माने जाते हैं, जो तकनीकी क्षेत्र में आगे हैं और आत्मनिर्भर हैं। उन्होंने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को रेखांकित
करते हुए कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों की इसमें अहम भूमिका होगी।
उन्होंने
बताया कि अच्छे जर्नल में शोध पत्र प्रकाशित करने वाले शोधार्थियों को विश्वविद्यालय
की ओर से ऑर्डिनेंस के अनुरूप हर बार प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही, उन्हें
एक प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन शोधार्थियों को पेटेंट
फाइलिंग की प्रक्रिया में हर संभव मदद करेगा, ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न
हो। प्रो.
सिंह ने कहा कि जब भी किसी पद के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है, तो उनके
प्रकाशित शोध पत्रों और पेटेंट को विशेष रूप से ध्यान में रखा जाता है। इसी को ध्यान
में रखते हुए विश्वविद्यालय ने यह कदम उठाया है।
कुलपति
ने यह भी घोषणा की कि शोधार्थियों की सुविधा के लिए विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाएं
रात में भी खुली रहेंगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि शोध में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए
विश्वविद्यालय प्रशासन हर संभव सहायता करेगा। साथ ही, उन्होंने युवाओं की क्षमता को
सराहते हुए कहा कि भारतीय युवा वैश्विक कंपनियों में नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं
और इसी प्रतिभा के बल पर भारत तकनीकी क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू सकता है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
