
नई दिल्ली, 06 मई (Udaipur Kiran) । वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन (जीएलईएक्स 2025) के 12वें संस्करण की मेजबानी करने के लिए भारत तैयार है।
07 से 09 मई तक यशोभूमि अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसका विषय अंतरिक्ष अन्वेषण पुनर्जागरण है। इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह करेंगे।
कर्टेन रेजर मीडिया इंटरेक्शन को संबोधित करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री महासंघ (आईएएफ), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एएसआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित, सम्मेलन वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में भारत के बढ़ते नेतृत्व को दर्शाता है।
2010 में अपनी स्थापना के बाद से, वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन संवाद, सहयोग और नवाचार के लिए एक प्रमुख मंच बन गया है। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में 36 देशों के 233 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों सहित 1800 से अधिक उपस्थित लोग शामिल हुए। इसके साथ 57 देशों से 1,275 वैज्ञानिक शोध पेपर प्रस्तुत किए गए हैं, जो वैश्विक सम्मेलन के लिए अब तक का सबसे अधिक है।
उन्होंने बताया कि सम्मेलन में 15 विषयगत क्षेत्रों पर 10 समानांतर तकनीकी सत्र होंगे और 240 से अधिक इंटरैक्टिव प्रस्तुतियां निर्धारित हैं। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अंतरिक्ष अन्वेषण में अग्रणी वैश्विक हस्तियों का पूर्ण सत्र होगा, जिसमें केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, यूरोप से जोसेफ एशबैकर, जापान से काजुयोशी कावासाकी, इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन, अमेरिका से जिल स्मिथ, चीन से वू वीरेन, यूएई से सलेम अल मर्री शामिल रहेंगे।
विश्व के नौ अंतरिक्ष यात्री भी होंगे शामिल
जीएलईएक्स एक व्यापक अंतरिक्ष यात्री आउटरीच कार्यक्रम भी आयोजित करेगा, जिसमें विश्व के 9 अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे। इसमें हज़ा अलमंसूरी (यूएई), अल्पर गेजेरावसी (तुर्की), माइकल लोपेज़-एलेग्रिया (यूएसए/स्पेन), अंगद प्रताप (भारत), राकेश शर्मा, भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। इसके अतिरिक्त
सम्मेलन में मुख्य आकर्षण अंतरिक्ष प्रदर्शनी है, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप, वैश्विक अंतरिक्ष कंपनियां और इसरो सहित 22 अग्रणी संगठनों के स्टॉल शामिल होंगे।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
