RAJASTHAN

आरएएस अधिकारी प्रियंका विश्नोई की मौत के मामले में रिपोर्ट पेश

jodhpur

मेडिकल कॉलेज कमेटी ने जिला कलेक्टर को सौंपी, कहा-इसे सार्वजनिक नहीं करेंगे, सरकार को भेजेंगे

जोधपुर, 20 सितम्बर (Udaipur Kiran) । राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी और जोधपुर की असिस्टेंट कलेक्टर (एसीएम) प्रियंका विश्नोई की मौत के मामले की रिपोर्ट शुक्रवार को सौंप दी गई है। हालांकि इस रिपोर्ट को लेकर कलेक्टर का कहना है कि इसे सावर्जनिक नहीं किया जाएगा।

दरअसल 13 दिन चले इलाज के बाद बुधवार देर रात अहमदाबाद के हॉस्पिटल में प्रियंका विश्नोई का निधन हो गया था। पांच सितंबर को जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया था, लेकिन उनकी हालत बिगड़ गई थी। परिवार वाले उन्हें सिम्स (अहमदाबाद) ले गए थे। परिवार ने वसंधुरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। इधर, गुरुवार को जब उनका पार्थिव शरीर जोधपुर पहुंचा तो समाज और परिजन हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग पर अड़ गए। समाज के लोगों का कहना था कि कमेटी बनने के बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं आई। करीब साढ़े चार घंटे के विरोध प्रदर्शन के बाद वे माने और गुरुवार शाम को ही फलोदी के सुरपुरा गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया था।

मेडिकल कॉलेज की बनाई थी कमेटी

इस मामले को लेकर परिजन लगातार वसुंधरा हॉस्पिटल मैनेजमेंट पर लापरवाही से इलाज करने का आरोप लगा रहे थे। परिवार का आरोप है कि अस्पताल में इलाज में लापरवाही बरती और उन्हें एनेस्थीसिया(बेहोशी की दवा) ज्यादा दे दिया या खून ज्यादा बह गया। चार दिन पहले इस मामले को लेकर कलेक्टर गौरव अग्रवाल की ओर से एसएन मेडिकल कॉलेज के एक्सपर्ट की टीम बनाकर, मामले की जांच के आदेश दिए थे। इस टीम में गायनी विभाग से डॉ. रंजना देसाई, मेडिसिन से डॉ. इंदू थावानी, सर्जरी से डॉ. विजय शर्मा, न्यूरोलॉजी से डॉ.शुभकरण खींचड़, एनेस्थीसिया से डॉ. नवीन पालीवाल को शामिल किया गया था।

टीम ने कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट

इधर, इस पूरे मामले को लेकर बनाई मेडिकल एक्सपर्ट की टीम ने शुक्रवार को अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर गौरव अग्रवाल को सौंप दी है। हालांकि जांच में क्या सामने आया इसकी जानकारी कलेक्टर ने नहीं दी है। कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया- प्रियंका विश्नोई के इलाज को लेकर जांच के लिए एक कमेटी एसएन मेडिकल कॉलेज की ओर से बनाई गई थी। यह रिपोर्ट एसएन मेडिकल कॉलेज कमेटी की ओर से सब्मिट कर दी गई। रिपोर्ट में पेशेंट के निजता और आगे की जांच को ध्यान में रखते हुए पूरा खुलासा नहीं किया जा सकता है। रिपोर्ट की स्टडी की जा रही है। इसके बाद पूरी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज रहे है। यदि लगता है कि मामला गंभीर है तो उस पर गंभीरता से कार्रवाई की जा सके। इसलिए इसे राज्य सरकार को भेजा जा रहा है।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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