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रोड चौड़ी करने के लिए बिना अवाप्ति और मुआवजे के निर्माण हटाने पर रोक, प्रमुख सचिव से मांगी रिपोर्ट

हाईकोर्ट जयपुर

जयपुर, 12 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने एनएच 52 से उदयपुरा मोड तक की रोड को बिना अवाप्त किए चौड़ी करने के मामले में प्रमुख पीडब्ल्यूडी सचिव से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है। अदालत ने विभाग के प्रमुख सचिव को कहा है कि जरूरत हो तो वह स्वयं मौके पर विजिट करे और याचिकाकर्ताओं को मुआवजा देने के संबंध में अपनी टिप्पणी पेश करे। अदालत ने प्रमुख सचिव को कहा कि वे आगामी सुनवाई 1 अप्रैल को व्यक्तिगत या वीसी के जरिए अदालत में पेश हो। तब तक अदालत ने सडक चौडा करने के लिए याचिकाकर्ताओं के निर्माण को ध्वस्त नहीं करने को कहा है। जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश झाबरमल व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि मामले में पीडब्ल्यूडी की ओर से दी गई जानकारी संतोषजक नहीं है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं के निर्माण को हटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

याचिका में अधिवक्ता निखिल सैनी ने अदालत को बताया कि पीडब्ल्यूडी ने एनएच-52 से उदयपुरा मोड तक सडक़ को चौडा करना तय किया था। इस पर ग्राम पंचायत, रानोली ने 18 जून, 2024 को सूचना जारी कर ग्रामीणों को दस मीटर चौडी रोड और जल निकासी के लिए दोनों तरफ एक-एक मीटर जमीन में आने वाले निर्माण को हटाने को कहा। वहीं बाद में चौडाई घटाकर कुछ कम कर दी, लेकिन पंचायत ने 12 मीटर चौड़ाई में ही निर्माण हटाने के निर्णय को मंजूरी दे दी। याचिका में कहा कि वास्तव में पीडब्ल्यूडी ने सडक की चौडाई 7 मीटर रखने का ही प्रस्ताव रखा था। वहीं यदि सडक की चौडाई बढानी थी तो उसके लिए निर्धारित प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी। इसके अलावा भूमि का अधिग्रहण कर उचित मुआवजा देकर याचिकाकर्ताओं की भूमि को लिया जा सकता था। याचिका में बताया गया कि कानूनी प्रक्रिया के बिना याचिकाकर्ताओं की भूमि पर बनी दुकानों को ध्वस्त किया जा रहा है। इसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि साल 2023-24 की बजट घोषणा के अनुसार रोड के इस हिस्से को चौड़ा किया जाना है और पीडब्ल्यूडी ग्राम पंचायत की ओर से मुहैया कराई जाने वाली भूमि की चौड़ाई पर ही सडक़ निर्माण करेगा। सुनवाई के दौरान अदालत ने इसके बदले याचिकाकर्ता को दिए जा रहे मुआवजे की जानकारी देने को कहा, लेकिन पीडल्यूडी की ओर से इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव से रिपोर्ट तलब करते हुए याचिकाकर्ताओं का निर्माण हटाने पर रोक लगा दी है।

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(Udaipur Kiran)

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