
नालंदा,बिहारशरीफ 26 मार्च (Udaipur Kiran) ।नालंदा जिलान्तर्गत हरनौत प्रखंड के शिक्षा विभाग के बीपीएम मनीष कुमार ने नौकरी से हटाये जाने की खबर से मर्माहत होकर आज बुधवार कि सुबह चार मंजिले छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। इस घटना सें जिले में हडकंप मच गया। घटनाक्रम का खुलासा करते हुए भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य दिलीप कुमार जिला अध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद सिंह, मीडिया प्रभारी मुन्ना कुमार पांडे एवं सोशल मीडिया अध्यक्ष उदय शंकर कुशवाहा ने बिहार शरीफ के सदर अस्पताल पहुंच कर बताया कि मनीष कुमार बहुत ही अच्छा काम करने वाले पदाधिकारी थे । विगत चार महीना से वेतन नहीं मिलने के कारण और अचानक से सभी बी पी एम को नौकरी से निष्कासन की खबर से वह काफी मर्माहत थे। कल शाम में भी उन्होंने सभी बीपीएम से बात किया था वह काफी डिप्रेशन में थे। इसी के कारण उन्होंने छत से कूद कर आत्महत्या कर ली।
बताते चलें की नई शिक्षा नीति के तहत सन 2023 में उस समय के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने 3 साल प्लस 2 यानि पांच साल के अनुबंध पर पूरे प्रदेश में डीपीएम, बीपीएम, बीआरपी, एमडीएम, बीआरपी, एमटीएस एवं सभी प्रखंडों में दो दो जूनियर इंजीनियर की बहाली ली गई थी लेकिन अचानक से के के पाठक के तबादला हो जाने के बाद नए अपर मुख्य सचिव सिद्धार्थ के द्वारा बिना किसी सूचना के सभी जिलों के शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा पदाधिकारी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा यह निर्देश दिए की सभी बहाल पदाधिकारी को 31 मार्च के बाद से बर्खास्त किया जाता है।एक पदाधिकारी के आदेश से नौकरी दिया जाता है जिनकी समय सीमा पूरा होने के पहले दूसरे पदाधिकारी के द्वारा आकर उसे निष्कासन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। मृतक मनीष कुमार इन्हीं सब बातों को लेकर काफी परेशान रह रहे थे ,उन्हें होली का वेतन तक नहीं मिल पाया था जिससे वह काफी दुखी थे ।
मनीष कुमार के दो छोटे-छोटे बच्चे और परिवार आज अनाथ हो गए। इसकी सारी जवाबदेही बिहार सरकार की है। उन्होंने सरकार से इस तरह के आदेश को अविलंब निरस्त करने की मांग की है।उदय कुशवाहा ने जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार से दिवंगत मनीष कुमार जो सरकारी कर्मचारी थे के परिजनों को सारी सरकारी सुविधा एवं 25 लाख रुपया मुआवजा देने की मांग की है।
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(Udaipur Kiran) / प्रमोद पांडे
