Uttar Pradesh

बीएचयू यूरोलॉजी विभाग का उल्लेखनीय प्रदर्शन, शोध पत्र की सराहना

बीएचयू यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर

वाराणसी, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । यूरोलॉजिकल एसोसिएशन ऑफ एशिया के 21वें संस्करण में बीएचयू यूरोलॉजी विभाग ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। विभागाध्यक्ष प्रो. समीर त्रिवेदी और सहायक प्रो. यशस्वी सिंह को 5 से 8 सितंबर तक इंडोनेशिया में आयोजित प्रतिष्ठित कांग्रेस में आमंत्रित किया गया था। इस सम्मेलन में एशिया के 600 से अधिक प्रतिनिधियों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के जाने—माने यूरोलॉजिस्ट भी शामिल हुए।

प्रो. समीर त्रिवेदी और सहायक प्रोफेसर यशस्वी सिंह को यूरोलॉजी में उनके शोध और क्लिनिकल कार्य के लिए इस मंच पर आमंत्रित किया गया। प्रोफेसर त्रिवेदी ने रीकंस्ट्रक्टिव यूरोलॉजी और एंडोयूरोलॉजी के क्षेत्र में अपने व्यापक अनुभव को साझा किया। उन्होंने यूरोलॉजी में मूत्रवाहिनी की पथरी और महिलाओं की मूत्रनली की सिकुड़न की शल्य चिकित्सा के बारे में विस्तार से व्याख्यान दिया। इसके साथ ही उन्होंने थुलियम फाइबर लेजर के उपयोग से यूरोलॉजिकल सर्जरी के प्रबंधन पर भी प्रकाश डाला। प्रोफेसर त्रिवेदी ने बेहतर रोगी देखभाल के लिए दक्षिण एशिया में युवा यूरोलॉजिस्ट के प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। सहायक प्रोफेसर यशस्वी सिंह ने प्रोस्टेट कैंसर के प्रबंधन में माइक्रो आरएनए की भूमिका पर अपना शोध प्रस्तुत किया। डॉ. सिंह और उनकी टीम प्रोफेसर त्रिवेदी और आईएमएस बीएचयू के आणविक जीव विज्ञान के प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह के साथ मिलकर प्रोस्टेट कैंसर की वृद्धि में सहायक आणविक तंत्र को समझने में जुटे हैं। प्रो. सिंह ने बताया कि यह अनुसंधान अत्यंत जटिल है और देश के कुछ ही संस्थानों में संभव है। यह अध्ययन पूर्वांचल और उत्तर भारत में अपनी तरह के पहले हैं और इसके सफल होने पर प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित गरीब और जरूरतमंद मरीजों की सहायता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। दोनों यूरोलॉजिस्ट को कांग्रेस में सम्मानित किया गया और उन्हें एशियाई देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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