जोधपुर 16 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । पोक्सो एक्ट के एक मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने आरोपी को जमानत प्रदान की हैं।
प्रकरण में पीडि़त ने बताया कि परिवार वाले खाना खाकर घर के चौक में सो गए। इस दौरान रात में दोनों पुत्रियों को आरोपी बहला-फुसलाकर भगा ले गए। अगले दिन करीब सवेरे चार बजे जब पत्नी उठी तो पता चला कि मेरी दोनों पुत्रियां घर से गायब हैं। मुकदमा दर्ज होने के पश्चात् आरोपियों को भारतीय दण्ड सहिता 137, 64, पोक्सो एक्ट एवं एससी/एसटी एक्ट की के तहत गिरफ्तार किया गया। पीडि़ता ने बताया कि वह इंस्टाग्राम चलाते हैं और आरोपी फोलोवर्स हैं। पिछले दौ साल से वह ब्लैकमेल कर रहें हैं, धमकियां दे रहें हैं कि हमारे पास तुम्हारी फोटोग्राफस हैं जिन्हें हम सोशल मीडीया पर वायरल कर देंगे, तुम हम से दोस्ती कर लो। रात को उन्होंने घर से फरार करवा दिया तथा बाद में गलत काम किया। उक्त प्रकरण की जमानत याचिका उच्च न्यायालय में पेश की गई तथा अधिवक्ता एमएस राजपुरोहित ने आरोपी की ओर से पैरवी करते हुए तर्क दिया कि किशोर न्याय बोर्ड द्वारा धारा 15 किशोर न्याय अधिनियम की जांच करवा ली हैं तथा प्रकरण का निस्तारण किशोर न्याय बोर्ड द्वारा ही किया जाना हैं। प्रकरण में चार्जशीट पेश हो चुकी हैं, कोई अनुसंधान बाकी नहीं हैं। आरोपी को 23 सितंबर को गिरफ्तार किया हैं, प्रकरण में काफी समय लगने की सम्भावना हैं आरोपी के विरूद्ध प्रथम अपराध हैं, प्रकरण में आरोपित अपराध का कोई गठन नही हुआ हैं रंजिश के कारण झूठा फंसाया हैं पीडि़ता के अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात् उच्च न्यायालय ने आरोपी को जमानत का लाभ दे दिया।
(Udaipur Kiran) / सतीश