Maharashtra

खार रेलवे भूमि के निवासियों को राहत

हाई कोर्ट ने लगाई कार्रवाई पर रोक

मुंबई, 20 फरवरी (हि.सं.)। खार (पूर्व) में रेलवे की जमीन पर बसे निवासियों को राहत मिली है। बांबे हाई कोर्ट ने घरों से निवासियों को बेदखल करने की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति रियाज छागला की एकल पीठ ने स्थगन आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 4 मार्च को होगी।

अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार रेलवे की भूमि पर किसी भी निर्माण को हटाने या बेदखल करने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले निवासियों के पुनर्वास के लिए उपयुक्त आवास खोजने के लिए सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। हालांकि यह पाया गया है कि पश्चिम रेलवे के अधिकारी द्वारा 5 दिसंबर को जारी आदेश में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि कोई सर्वेक्षण किया गया है। पश्चिम रेलवे के अधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अधिभोगियों को आदेश प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों के भीतर परिसर या घर खाली कर देना चाहिए। यदि वे ऐसा करने से इनकार करते हैं, तो आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बलपूर्वक परिसर से बेदखल किया जा सकता है।

खार तीन बांगला बस्ती के 17 निवासियों ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर पश्चिमी रेलवे के आदेश को रद्द करने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं ने इसे सुप्रीम कोर्ट के दिसंबर 2021 के आदेश का उल्लंघन बताया है। याचिका में दावा किया गया है कि इनमें से कई लोग हाशिए पर पड़े समुदायों से हैं। याचिकाकर्ताओं ने अदालत के समक्ष दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं, जिनसे पता चलता है कि याचिकाकर्ता 1 जनवरी 2000 के मनपा सर्वेक्षण में वे पात्र थे।

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(Udaipur Kiran) / वी कुमार

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