-हाईकोर्ट का एफआईआर रद्द करने से इनकार
प्रयागराज, 03 जनवरी (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सम्भल की शाही जामा मस्जिद में 24 नवम्बर को सर्वे के दौरान हुई हिंसा के लिए लोगों को भड़काने के मामले में आरोपी सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क को राहत देते हुए कहा कि सभी अपराध सात साल तक की सजा के लिए दंडनीय हैं। इसलिए यदि याची की गिरफ्तारी की जाती है, तो बीएनएसएस की धारा 35 में निहित विशिष्ट प्रावधान और अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का पालन किया जाए।
याचिका में एफआईआर रद्द करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि एफआईआर के अवलोकन से प्रथम दृष्टया याची के विरुद्ध संज्ञेय अपराध का खुलासा होता है। इसलिए एफआईआर रद्द करने की प्रार्थना को राज्य बनाम हबीब अब्दुल्ला जलाली के मामले में सुप्रीम कोर्ट निर्णय के अनुसार स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसलिए इसमें कोई हस्तक्षेप आवश्यक नहीं है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता एवं न्यायमूर्ति अजहर हुसैन इदरीसी की खंडपीठ ने शुक्रवार को सांसद जिया उर रहमान बर्क की ओर से अधिवक्ता इमरान उल्लाह व सैयद इकबाल और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को सुनकर दिया।
सम्भल पुलिस ने 24 नवम्बर को हुई हिंसा में सपा के स्थानीय सांसद जिया उर रहमान बर्क को भी आरोपी बनाया था। उनके खिलाफ कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। सांसद बर्क ने एफआईआर को याचिका में चुनौती दी थी। साथ ही एफआईआर रद्द किए जाने की मांग की थी।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे