-एससी-एसटी एक्ट में दर्ज एफआईआर को किया निरस्त
जोधपुर, 21 नवम्बर (Udaipur Kiran) । फ़िल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को हाइकोर्ट से एक मामले में राहत मिली है शिल्पा के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में दर्ज एफआईआर को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। शिल्पा शेट्टी पर चूरू जिले के कोतवाली थाने में मामला दर्ज हुआ था।
इस मामले में हाईकोर्ट जस्टिस अरुण मोंगा की कोर्ट में सुनवाई थी। सुनवाई के बाद जस्टिस मोंगा ने आदेश जारी कर कहा कि बिना सेक्शन और इंक्वायरी के एससी-एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है। भंगी शब्द जाति नहीं है और न ही जाति सूचक शब्द है बल्कि स्लर है जो कि किसी को नीचा दिखाने के लिए नहीं बल्कि स्वयं को संबोधित करते हुए कहा गया था। सुनवाई के दौरान शिल्पा के वकील ने दलील दी थी कि इस एफआईआर में कोई सबूत नहीं है जिससे किसी समाज की भावना को ठेस पहुंची हो और न ही कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा है और जैसा आरोप लगाया है वैसा कोई अपराधिक इरादा नहीं नजर आता। उन्होंने भंगी शब्द की उत्पत्ति की जानकारी कोर्ट में दी और बताया कि भंगी शब्त उत्पत्ति संस्कृत में भंगा से हुई जिसका अर्थ अछूत जाति से संबंधित होने के अलावा टूटा हुआ व खंडित भी होता है और ऑक्सफोर्ड हिंदी टू इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार भंगी भांग पीने वालों को भी कहा जाता है। एफआईआर में यह दावा किया गया कि इस शब्द से समाज में अशांति उत्पन्न हुई जबकि करीब सात साल पहले इंटरव्यू में बोले गए इस शब्द से ऐसा कुछ होने का सबूत नहीं दिए गए। पक्ष विपक्ष के तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट जस्टिस अरुण कुमार मोंगा ने चूरु के कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर को खारिज किया।
यह था मामला
22 दिसंबर 2017 को चूरु के कोतवाली थाने में एससी-एसटी एक्ट में शिल्पा शेट्टी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। वाल्मिकी समाज के अशोक पंवार ने मामला दर्ज करवाया था और बताया था कि टीवी पर उसने एक इंटरव्यू शो देखा जिसमें शिल्पा शेट्टी और सलमान खान थे। उस समय बातचीत के दौरान उन्होंने भंगी शब्द का इस्तेमाल किया जिससे वाल्मिकी समाज के लोगो की भावनाएं आहत हुई। इस पर 18 जनवरी 2018 को जांच अधिकारी ने नोटिस जारी किया। टीवी शो 2013 में टेलिकास्ट हुआ था और एफआईआर 2017 में दर्ज की गई।
(Udaipur Kiran) / सतीश