Uttar Pradesh

गर्मी की तपिश में राहत की फुहार, मज़दूरों काे मिला इम्युनिटी बूस्टर

मज़दूरों को गमछा और इम्युनिटी बूस्टर बांटते बीडीआरएफ के सदस्य।

मीरजापुर, 9 मई (Udaipur Kiran) । जहां सूरज की तपिश लोगों को घरों में कैद कर रही है, वहीं मीरजापुर के अहहौरा थाना क्षेत्र में मज़दूर तपती ज़मीन और पत्थर की धूल में रोज़गार की तलाश में जूझ रहे हैं। इन्हीं हालातों के बीच एक सकारात्मक पहल लेकर सामने आई है भारत डिज़ास्टर रिलीफ फाउंडेशन, जिसने शुक्रवार को इन मज़दूरों के लिए राहत की सौगात लेकर गांव-गांव दस्तक दी।

तेज़ गर्मी से बेहाल दिहाड़ी मज़दूरों को बीडीआरएफ ने इम्युनिटी बूस्टर किट, चप्पल और गमछा वितरित किए। खास बात यह रही कि महिलाओं के लिए अलग से चप्पलों की व्यवस्था की गई ताकि वे धधकती ज़मीन पर नंगे पांव चलने को मजबूर न हों।

पत्थर खदानों में काम करने वाले श्रमिकों को न सिर्फ राहत सामग्री मिली, बल्कि उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर जरूरी जानकारी भी दी गई। संस्था के कार्यकर्ताओं ने बताया कि कैसे पत्थर की धूल फेफड़ों में जाकर टीबी जैसी घातक बीमारी बन सकती है। इसके बचाव के लिए मास्क पहनने और काम के बाद साफ-सफाई रखने की सलाह दी गई।

बीडीआरएफ के ट्रस्टी अक्षय अवस्थी और विजय मौर्य के नेतृत्व में चलाए गए इस अभियान में ग्रामीणों को लू से बचाव, ठंडे पानी का सेवन, और डिहाइड्रेशन से बचने के घरेलू उपायों के बारे में जागरूक किया गया।

भारत डिज़ास्टर रिलीफ फाउंडेशन की यह पहल बताती है कि सिर्फ बड़े शहरों में नहीं, गांव के अंतिम व्यक्ति तक राहत पहुंचाना भी असली सेवा है। तेज़ धूप में राहत की यह छोटी-सी छांव कई मज़दूर परिवारों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं। इस दौरान एक मज़दूर महिला सीता देवी ने भावुक होकर कहा कि हमारे लिए तो कोई सोचता ही नहीं था, पर ये लोग हमारे लिए चप्पल लेकर आए हैं, गर्मी में ये सबसे बड़ी राहत है। वहीं खदान में काम करने वाले रामबचन ने कहा कि अब हमें पता चला कि धूल से कैसे बीमारियां होती हैं, वरना हम तो बस कमाने में लगे रहते थे।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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