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अधिनियम पारित किए जाने से पहले की सेवाओं को शामिल करने के निर्देश
नैनीताल, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को राहत देते हुए वर्ष 2006 में विधान सभा में अधिनियम पारित किए जाने से पहले की सेवाओं को भी इसमें शामिल करने का आदेश दिया है। इस अधिनियम की वजह से उनका उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा बोर्ड से राज्य सरकार में स्थानांतरण कर दिया गया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को वरिष्ठता, अवकाश नकदीकरण और अन्य प्रासंगिक पहलुओं सहित सभी सेवा लाभों से संबंधित दावों पर आठ सप्ताह के भीतर निर्णय लेने के निर्देश सरकार को दिए हैं।
न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार याचिकाकर्ताओं का कहना था कि वह बेसिक शिक्षा बोर्ड, उत्तर प्रदेश में कार्यरत थे। राज्य के पुनर्गठन के बाद विधानमंडल ने 2006 में उत्तरांचल विद्यालय शिक्षा अधिनियम लागू किया। अधिनियम की धारा-58 में यह प्रावधान था कि बेसिक शिक्षा बोर्ड के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को राज्य सरकार में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जिससे वह उत्तराखंड राज्य सरकार के कर्मचारी बन जाएंगे। 24 जून 2006 को एक सरकारी आदेश जारी किया गया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि हालांकि उनकी स्थिति बेसिक शिक्षा परिषद के कर्मचारियों से सरकारी कर्मचारियों में बदल दी गई थी, लेकिन उन्हें सेवा लाभ के संदर्भ में बेसिक शिक्षा परिषद में की गई उनकी पिछली सेवा से प्राप्त लाभों से वंचित कर दिया था।
(Udaipur Kiran) / लता / प्रभात मिश्रा
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