जोधपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति की प्रेरणा से पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद के स्नातकोतर पंचकर्म विभाग मे ऋतु अनुसार मनाए जाने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रावृटीय बस्ति कर्म शिविर का आयोजन किया जा रहा है। विवरणिका एवं ऑनलाइन गूगल फार्म का विधिवत विमोचन कुलपति के द्वारा किया गया।
स्नातकोत्तर पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ज्ञानप्रकाश शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद में वर्षा ऋतुचर्या के अंतर्गत बस्ति का अत्यधिक महत्व है। इस का उद्देश्य वात दोष को संतुलित करना होता है, वात दोष इस मौसम में प्रकुपित हो जाता है। वर्षा ऋतु में अक्सर भोजन को पचाने वाली अग्नि कमजोर हो जाती है, जिससे विषाक्त पदार्थों का कुशलतापूर्वक निष्कासन बाधित होता है।
बस्ति बृहदान्त्र को शुद्ध करने, संचित विषाक्त पदार्थों को निकालने और पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक है। यह शरीर को पोषण प्रदान करता है, प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। इस मासपर्यंत होने वाले शिविर मे स्वस्थ एवं रोगी के स्वास्थ्य रक्षणार्थ बस्ति चिकित्सा शिविर, स्नातक छात्र- छात्राओं द्वारा पोस्टर एवं क्विज़ प्रतियोगिता, बस्ति उपयोगी द्रव्यो की प्रदर्शनी, रसायनशाला भ्रमण एवं पंचकर्म उपयोगी पादपों का वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो.गोविंद सहाय शुक्ला, उप कुलसचिव डॉ. मनोज अदलखा, विभागाध्यक्ष पंचकर्म डॉ. ज्ञानप्रकाश शर्मा, विभागाध्यक्ष क्रिया शारीर एवं मीडिया प्रभारी प्रो. दिनेश चंद्र शर्मा, प्रो. महेश कुमार शर्मा, सहायक आचार्य डॉ. दिलीप कुमार व्यास, डॉ. गौरीशंकर राजपुरोहित एवं स्नातकोतर पंचकर्म विभाग के समस्त पीजी अध्येता उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / सतीश