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बांग्लादेश के पिलखाना नरसंहार में शामिल अर्ध सैन्य बल के 300 सदस्यों की रिहाई शुरू 

ढाका सेंट्रल जेल की सलाखों से 16 साल बाद बाहर आए एक कैदी के परिवार के सदस्य।

ढाका, 23 जनवरी (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश के बहुचर्चित पिलखाना नरसंहार में 16 साल तक जेल में रहने वाले अर्ध सैन्य बल बांग्लादेश राइफल्स (बीडीआर) के 300 से अधिक सदस्यों (कैदियों) की जमानत पर रिहाई शुरू हो गई। इनको रिहा करने की प्रक्रिया आज सुबह केरानीगंज के ढाका सेंट्रल जेल और गाजीपुर के काशिमपुर सेंट्रल जेल से शुरू हुई। 25 और 26 फरवरी 2009 को ढाका में बांग्लादेश राइफल्स की एक इकाई ने विद्रोह किया था। बांग्लादेश के सैन्य विद्रोह के इतिहास में यह घटना पिलखाना त्रासदी और पिलखाना नरसंहार के रूप में दर्ज है है।

ढाका ट्रिब्यून की खबर में यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (यूएनबी) के हवाले से कहा गया है कि 178 बीडीआर सदस्यों को ढाका सेंट्रल जेल और 126 को काशिमपुर सेंट्रल जेल से रिहा किया जाना तय है। इनको रविवार को ढाका स्पेशल ट्रिब्यूनल-1 के न्यायाधीश एमडी इब्राहिम मिया ने जमानत प्रदान की थी।

ढाका सेंट्रल जेल प्राधिकरण ने कहा कि जमानत के लिए जरूरी कागजात बुधवार को दोनों जेलों में भेज दिए गए थे। आज ढाका सेंट्रल जेल से 178 कैदियों को रिहा किया जा रहा है। काशिमपुर सेंट्रल जेल के अधिकारियों ने कहा कि बुधवार/गुरुवार की दरमियानी रात एक बजे तक 38 कैदियों को रिहा कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि पिलखाना नरसंहार में 57 सैन्य अधिकारियों सहित 74 लोगों की मौत हो गई थी।

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(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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