Haryana

राेहतक: हरियाणा की संस्कृति की पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान : डॉ. मार्कण्डेय आहुजा

फोटो कैप्शन 12आरटीके1 : एमडीयू में आयोजित व्याख्यान के दौरान मुख्यवक्ता को सम्मानित करते कुलपति --------------
फोटो कैप्शन 12आरटीके1 : एमडीयू में आयोजित व्याख्यान के दौरान मुख्यवक्ता को सम्मानित करते कुलपति --------------

एमडीयू में हरियाणा की संस्कृति और आध्यात्मिकता प्रभाव विषय पर हुआ व्याख्यान

रोहतक, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा की संस्कृति और आध्यात्मिकता का वैश्विक संदर्भ में महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है। यह राज्य भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक धारा का हिस्सा है, और यहां की गौरवशाली धार्मिक, सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक परंपराएँ न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रभावशाली रही हैं। यह बात गुरुग्राम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. मार्कण्डेय आहूजा ने मंगलवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के हरियाणा अध्ययन केन्द्र लोक प्रशासन विभाग, इतिहास एवं पुरातत्व विभाग, समाजशास्त्र विभाग तथा राजनीति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विस्तार व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने वैश्विक संदर्भ में हरियाणा की संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रभाव विषय पर विस्तार व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा की संस्कृति और आध्यात्मिकता ने न केवल भारतीय समाज को प्रभावित किया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धारा का योगदान दिया है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण द्वारा दिया गया भगवद गीता का उपदेश दुनिया भर में मानवता, धर्म, कर्म और योग के सिद्धांतों को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन चुका है। इस अवसर पर एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने जीवन में शिक्षा के सही उद्देश्य से विद्यार्थियों को अवगत करवाते हुए कहा शिक्षा के जरिए विद्यार्थी अपने और समाज के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं और राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। इस अवसर पर प्रो. एस.एस. चाहर, प्रो. सेवा सिंह दहिया, डॉ. जगबीर नरवाल, डॉ. राजेश कुंडू, डॉ. समुंद्र सिंह, डॉ. सुमनलता, पंकज नैन प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / अनिल

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