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वक्फ संशोधन विधेयक को पूरी तरह से अस्वीकार करने में ही हमारी भलाई : के. रहमान खान

AIMPLB Gen Sec  addressing Conference in Aiwan-e-Ghalib
K Rehman khan addressing Conference in Aiwan-e-Ghalib

नई दिल्ली, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । पूर्व केंद्रीय मंत्री के. रहमान खान ने शनिवार को कहा कि संसद में पेश वक्फ संशोधन विधेयक-2024 को पूरी तरह से अस्वीकार करने में ही हमारी भलाई है। इस विधेयक को संसद की संयुक्त समिति को भेजे जाने और वहां पर विचार कर दोबारा संसद में पेश किए जाने से कोई फायदा होने वाला नहीं है क्योंकि सरकार की मंशा इस विधेयक की आड़ में वक्फ संपत्तियों को हड़पने की है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री खान ने यहां के माता सुंदरी रोड स्थित इवाने ग़ालिब सभागार में इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट के सम्मेलन को संबोधित करते हुए सभा में मौजूद मुस्लिम बुद्धिजीवियों का आह्वान किया कि वह इस विधेयक को रद्द कराने के लिए सरकार पर जिस भी स्तर से दबाव बना सकते हैं, बनाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि जेपीसी में किन-किन मुद्दों को आप उठाएंगे, यह विधेयक ही पूरी तरह से असंवैधानिक है। इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर्रहीम मुजदद्दी ने भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जरिए लिए गए फैसले की बात करते हुए कहा है कि इस विधेयक को पूरी तरह से अस्वीकार किया जाना चाहिए। सरकार पर इसको रद्द किए जाने का दबाव बनाया जाना चाहिए। इसके लिए हमें वह हर रास्ता अपनाना चाहिए जो संविधान और कानून ने हमें विरोध दर्ज करने के लिए दिया है।

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए सरकार संसद में लेकर आई है। आज वक्फ संपत्तियों पर हमला बोला गया है, कल सिख गुरुद्वारों, मंदिरों, मठों और चर्चों की जमीनों पर उनकी नीयत खराब होने में देर नहीं लगेगी। इसलिए हमें सभी को साथ लेकर वक्फ विधायक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ मुसलमानों का नहीं है, आने वाले दिनों में इसकी आंच सभी तक पहुंचने वाली है। इसलिए सिखों, बौद्ध, जैन और तमाम हिंदुओं को साथ लेकर वक्फ की संपत्ति को बचाने के लिए आंदोलन चलाना चाहिए।

सम्मेलन के आयोजक पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने कहा कि यह वक्फ संपत्ति मुसलमान की अपने पुरखों द्वारा दी गई संपत्ति है, इसलिए इसके बारे में सरकार को दखल करने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार के जरिए संसद में जो विधेयक लाया गया है, उसे हम निरस्त किए जाने की मांग करते हैं। सम्मेलन को संसद मोहिबुल्लाह नदवी, जियाउर्रहमान बर्क, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बिहार के एमएलसी खालिद अनवर, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास, जफर महमूद आदि ने भी संबोधित किया। मंच का संचालन आजम बेग ने किया।

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(Udaipur Kiran) / मोहम्मद शहजाद / पवन कुमार

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