जम्मू, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) ।
समयबद्ध तरीके से सभी प्रकार के आवंटियों के पक्ष में सभी 2,56,846 निष्क्रांत संपत्तियों को नियमित करें कस्टोडियन जनरल के शासन को वापस लें और स्थानीय आवंटियों को भी निष्क्रांत संपत्ति का मालिकाना अधिकार प्रदान करें। यह बातें बीजेपी प्रवक्ता अंकुर शर्मा ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने 1947, 1965, 1971 के विस्थापितों और पश्चिम पाकिस्तानी शरणार्थियों के पक्ष में विस्थापित भूमि (अभिरक्षक) के मालिकाना अधिकार प्रदान करने के एलजी सरकार के दिनांक 16.08.2024 के फैसले का स्वागत करते हुए स्थानीय लोगों के पक्ष में मालिकाना अधिकार देने के लिए जोरदार अपील की। ग्रामीण और शहरी दोनों ही निष्क्रांत भूमियों का आवंटन, चाहे वह कृषि, आवासीय, वाणिज्यिक, मिश्रित या कोई भी हो, इसे पूरा करना उमर के नेतृत्व वाली केंद्र शासित प्रदेश सरकार की बड़ी जिम्मेदारी बताया। डीपी और डब्ल्यूपी शरणार्थियों के पक्ष में मालिकाना अधिकार प्रदान करना पहला कदम था। स्थानीय आवंटियों को शामिल करने का अनुवर्ती और दूसरा कदम उमर सरकार को बिना किसी देरी के उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कदम किसानों, मध्यम वर्ग, समाज के हाशिए पर रहने वाले और वंचित वर्गों को सशक्त बनाएगा। स्थानीय आवंटी बड़े पैमाने पर जम्मू प्रांत के स्थानीय डोगरा हैं जिन्हें कृषि सुधार अधिनियम की दूसरी अनुसूची के साथ पढ़े गए कैबिनेट आदेश 578-सी, सरकारी आदेश एलबी-7 और 1971 के सरकारी आदेश रेह 371 के तहत निष्क्रांत भूमि का आवंटन या कब्जा दिया गया है। उन्होंने विस्थापित व्यक्तियों और पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों के पक्ष में दिनांक 16.08.2024 के आदेश को समयबद्ध तरीके से लागू करने की भी मांग की।
बता दें कि जम्मू प्रांत में स्थित विस्थापित संपत्तियों की कुल संख्या 2,56,846 है, जिनमें से शहरी संपत्तियां 7161 हैं। इन संपत्तियों का कुल बाजार मूल्य कई हजार करोड़ रुपये है।
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(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता