
शिमला, 23 अप्रैल (Udaipur Kiran) । शिमला जिला के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नारकंडा में एक बार एंड रेस्टोरेंट के पंजीकरण को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रद्द कर देने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। प्रतिष्ठान के असली मालिक को इसकी भनक तक नहीं लगी और जब तक उन्हें सच्चाई का पता चला, तब तक उनका रेस्टोरेंट पहाड़ी हाउस बार एंड रेस्टोरेंट पर्यटन विभाग की सूची से बाहर हो चुका था।
यह मामला जिला शिमला के कुमारसैन थाना क्षेत्र के अंतर्गत सामने आया है। गांव चुराठ निवासी संजीव कुमार ने पुलिस में दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि 17 दिसंबर 2024 को किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनकी ओर से झूठा आवेदन पत्र पर्यटन विभाग में जमा करवाया। इस पत्र में प्रतिष्ठान का पंजीकरण रद्द करने की मांग की गई थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उस आवेदन में संजीव कुमार के नकली या स्कैन किए गए हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया था।
संजीव का कहना है कि उन्होंने न तो कोई आवेदन किया न ही पंजीकरण रद्द करवाने की कोई मंशा थी। बावजूद इसके 16 मार्च 2025 को पर्यटन विभाग ने इस झूठे आवेदन को आधार बनाकर उनका पंजीकरण रद्द कर दिया। जब उन्हें इसकी सूचना मिली, तो उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत पुलिस में की।
जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि इस पूरे फर्जीवाड़े के पीछे आयुष विज नामक व्यक्ति का हाथ है। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने संजीव कुमार के हस्ताक्षर को स्कैन कर नकली दस्तावेज तैयार किया और विभाग को धोखे में रखकर आवेदन मंजूर करवा दिया।
कुमारसैन थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4), 336(3) और 340(2) के तहत आयुष विज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि डिजिटल और दस्तावेज़ी सबूतों की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
