श्रीनागर, 23 सितंबर (Udaipur Kiran) । डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में क्षेत्रीय दलों पर झूठे वादों और एजेंडों के साथ लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
गंदरबल और हजरतबल में रोड शो के दौरान आज़ाद ने कहा कि इन दलों ने लोगों के सामने आने वाले मुद्दों का कोई वास्तविक समाधान पेश किए बिना बार-बार जनता की भावनाओं का शोषण किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित अन्य दलों के सांसदों ने अनुच्छेद 370 के निरसन पर चुप रहना चुना जबकि वह दृढ़ता से विरोध में खड़े थे।
उन्होंने कहा कि मैंने संसद में अनुच्छेद 370 के निरसन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अपनी असहमति व्यक्त करने के लिए धरने पर भी बैठा। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दल अक्सर विकास करने में अपनी विफलता से ध्यान हटाने के लिए भावनात्मक बयानबाजी का इस्तेमाल करते हैं।
उन्होंने कहा कि कोई मस्जिद या धर्म खतरे में नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई हमारी आस्था पर हमला करने की कोशिश करता है तो मैं सबसे पहले खड़ा होऊंगा और लोगों के लिए बलिदान दूंगा। मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को याद करते हुए आज़ाद ने कहा कि उन्होंने गांदरबल को जिला का दर्जा दिया और अस्पताल, स्कूल और सड़कें बनवाईं। कई नेता प्रगति लाने में विफल रहे हैं, उन्होंने वोटों का दुरुपयोग किया है और झूठ बोला है और जनता को धोखा दिया है। उन्होंने गांदरबल के निवासियों को आश्वासन दिया कि डीपीएपी क्षेत्र में विकास पहल को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि हम गांदरबल के विकास के लिए और अधिक काम करेंगे। जम्मू और कश्मीर में रोजगार के मुद्दों पर आज़ाद ने कहा कि मौजूदा सरकार की नीतियों ने स्थानीय निवासियों को हाशिए पर डाल दिया है। उन्होंने दावा किया कि बाहरी ठेकेदार रेत उद्योग पर हावी हैं जिससे स्थानीय लोग बिना नौकरी और आर्थिक अवसरों के रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे युवा विकट परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, रोजगार के अवसरों की कमी के कारण कई लोग नशे की ओर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मैं निर्वाचित होता हूं तो मैं यह सुनिश्चित करने के लिए एक कानून पेश करूंगा कि केवल स्थानीय लोग ही हमारे क्षेत्र में जमीन खरीद सकें और नौकरियां सुरक्षित कर सकें।
पत्रकारों से बात करते हुए आज़ाद ने कहा कि अन्य राजनीतिक दल डीपीएपी के प्रतिस्पर्धी हैं, न कि मित्र या शत्रु। उन्होंने कहा कि उनमें से कोई भी मेरा शत्रु नहीं है। राजनीतिक दल हमारे प्रतिस्पर्धी हैं। क्लास की तरह हम सभी अच्छे मित्र हैं लेकिन प्रतिस्पर्धा है इसलिए मैं हर राजनीतिक दल और नेता को अपना प्रतिस्पर्धी मानता हूं। मैं किसी भी पार्टी के नेता को अपना मित्र नहीं मानता। मैं उन सभी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता