Madhya Pradesh

संतुलित औद्योगिक विकास पर केन्द्रित होगी नर्मदापुरम में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 

– छठवीं आईआईसी का आयोजन 7 दिसंबर को होगा

भोपाल, 13 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश के संतुलित विकास के लिये निरंतर सभी अंचलों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहे हैं। अगली आरआईसी आगामी 7 दिसम्बर को नर्मदापुरम में हो रही है। नर्मदापुरम् क्षेत्र में मुख्य रूप से कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्र-संस्करण इकाइयां और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग बहुतायत में हैं। नर्मदापुरम्, हरदा, और होशंगाबाद में पहले से स्थापित उद्योगों के साथ-साथ कृषि प्र-संस्करण, सोयाबीन तेल, मसाला उत्पादन और दुग्ध प्र-संस्करण जैसे उद्योग यहां की आर्थिक गतिविधियों का मुख्य आधार हैं। इसके अतिरिक्त, क्षेत्र की खनिज संपदा का उपयोग कर निर्माण और अन्य उद्योगों से भी स्थानीय विकास को गति देने के प्रयास किए जा रहे हैं।

जनसंपर्क अधिकारी बबीता मिश्रा ने बुधवार को बताया कि छठवीं आईआईसी का आयोजन 7 दिसंबर को नर्मदापुरम् के डिवीजनल आईटीआई में किया जाएगा। पिछली पांच रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के अनुभवों से प्रेरित होकर, इस कॉन्क्लेव का नर्मदापुरम् क्षेत्र में आयोजन उद्योगों की वृद्धि, निवेश की संभावनाओं और रोजगार सृजन के अवसरों को बढ़ाने के लिये किया जा रहा है।

उन्‍होंने बताया कि नर्मदापुरम आरआईसी में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, खनिज, एमएसएमई और पर्यटन क्षेत्रों में निवेश के अवसरों पर चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयासों से प्रदेश में एक उद्योग-हितैषी वातावरण बना है, जिससे प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में प्रगति हो रही है। नर्मदापुरम् और इसके आसपास के क्षेत्र जैसे होशंगाबाद, हरदा में एमएसएमई, कृषि आधारित उद्योग, और पर्यटन के क्षेत्र में कई संभावनाएं हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे।

कॉन्क्लेव का उद्देश्य सभी क्षेत्रों का संतुलित और समन्वित आर्थिक विकास करना है। इस कॉन्क्लेव से नर्मदापुरम् और इसके आस-पास के क्षेत्रों में निवेश के नए रास्ते खुलेंगे जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। यह आरआईसी नर्मदापुरम् और आसपास के क्षेत्रों के लिए खास महत्व रखता है, क्योंकि यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती और सांस्कृतिक धरोहर को उद्योगों के साथ जोड़ा जाएगा। पचमढ़ी, जो न केवल एक प्रमुख पर्यटन स्थल है बल्कि यहां की अनूठी जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधन, अब निवेशकों के लिये नया आकर्षण बनेंगा। साथ ही नर्मदा नदी तट पर औद्योगिक और पर्यटन दोनों क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाएं हैं।

इस कॉन्क्लेव में कृषि, एमएसएमई, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन और खनिज जैसे क्षेत्रों में निवेश के नए रास्ते खुलेंगे, जिससे रोजगार और आर्थिक विकास के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा। नर्मदापुरम् और पचमढ़ी, जो पहले से ही प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध हैं, अब औद्योगिक दृष्टिकोण से भी नई ऊँचाइयों को छुएंगे। इस कॉन्क्लेव से औद्योगिक, पर्यटन और सामाजिक विकास के बीच एक सामंजस्यपूर्ण संतुलन स्थापित होगा।

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

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