Uttrakhand

हरिद्वार में रेडक्रॉस का राज्य स्तरीय सेमिनार, सेवा को संस्कार बनाने का संकल्प

शुभारम्भ करते हुए

-मानव कल्याण, श्रद्धा, विश्वास, बुजुर्गों की सेवा जैसे आदर्शों को अपने जीवन में लागू करें: डॉ. मुकेश

हरिद्वार, 12 फरवरी (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड के हरिद्वार में भूपतवाला स्थित श्री नंगली बेला आश्रम में भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी, हरियाणा राज्य शाखा, चंडीगढ़ द्वारा राज्य स्तरीय जूनियर रेडक्रॉस (JRC) सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें हरियाणा के 20 जिलों—अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, सोनीपत, नारनौल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, भिवानी, फतेहाबाद, करनाल, चरखी दादरी, कैथल, यमुनानगर, जींद, सिरसा, नूंह, पलवल और झज्जर—से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के प्रतिनिधि, विद्यालयों के जेआरसी काउंसलर्स व जिला समन्वयक अधिकारी शामिल हुए।

शिविर का उद्घाटन भारतीय रेडक्रास सोसायटी, हरियाणा राज्य शाखा के महासचिव डाॅ. मुकेश अग्रवाल ने सर जीन हेनरी डयुनान्ट, स्वामी विवेकानन्द और भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। उन्हाेंने तीन दिवसीय सेमीनार के उदघाट्न समारोह में जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से व्यवहार सहायक, विद्यालयों से जेआरसी कांउसलर्स, जिला समन्वयक अधिकारी को सम्बोधित करते हुए कहा कि रेडक्रास विश्व का सबसे बड़ा सेवाभावी संगठन है। देश की सांस्कृतिक राजधानी में सेवा को संस्कार बनाने का संकल्प लें।

उन्होंने कहा कि हमें विश्व कल्याण के लिए इस संस्कार को मजबूत करने की आवश्यकता है। देश की सांस्कृतिक राजधानी हरिद्वार में भारतीय संस्कृति के अनेक ऐसे सूत्र हैं जो मानव को मानव की सेवा के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि वह रेडक्रॉस सोसाइटी का आजीवन सदस्य बनें तथा रेड क्रॉस के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करें। जेआरसी संगठन से जुड़कर मानव कल्याण करने के लिए प्रेरित हों। भावी भारत को विश्व में महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के लिए बहुत आवश्यक है कि हम देश के युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ें। मानव कल्याण, श्रद्धा, विश्वास, बुजुर्गों की सेवा जैसे आदर्शों को अपने जीवन में लागू करें। रेड क्रॉस संगठन का मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता जैसे सिद्धांतों में विश्वास है। हमें प्रसन्नता है कि रेड क्रॉस हरियाणा ने सेवा और अन्य दूसरे सामाजिक कार्यों में पूरे भारत में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है।

कहा कि यह एक ऐसा संगठन है जो संकुचित सिद्धांतों में विश्वास रखने की अपेक्षा सार्वभौमिक सिद्धांतों में विश्वास रखता है। वैश्विक शांति के लिए हमारे द्वारा किए जा रहे यह प्रयास अपने आप में अनूठे एवं अनुकरणीय हैं।

शिविर निदेशक रामाशीष मण्डल ने मुख्य अतिथि का अभिन्नदन करते हुए सेमीनार में आयोजित की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्हाेंने बताया कि सेमीनार के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से व्यवहार सहायक, विद्यालयों से जेआरसी कांउसलर्स व जिला समन्वयक अधिकारी के साथ जेआरसी की गतिविधियों पर विचार विमर्श किया गया। संयुक्त शिविर निदेशक, विनीत गाबा ने मुख्य अतिथि डा. मुकेश अग्रवाल का पहुंचने पर आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर विनीत गाबा, संयुक्त शिविर निदेशक, सुमन बाला, अंजु शर्मा, कृष्ण कक्कड़, टेकचन्द यादव, देवेन्दर, सुमन कुमारी, अजीत सिंह, सुरज मोर्या, इन्द्रजीत, संदीप व दिनेश आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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