Jammu & Kashmir

हाल ही में विज्ञापित शिक्षकों के 748 कुल पदों में से डोगरी का केवल एक पद आवंटित करने पर जताई नाराजगी

जम्मू, 4 अगस्त (Udaipur Kiran) । डोगरी संस्था जम्मू और टीम जम्मू ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में सभी विषयों को शामिल करते हुए विज्ञापित 748 कुल पदों में से डोगरी शिक्षक का केवल एक पद आवंटित करने संबंधी सरकारी अधिसूचना को निरस्त करने और संशोधित करने की मांग रखी है और आग्रह किया कि स्कूली शिक्षा प्रणाली में डोगरी को उसका उचित स्थान दिया जाए। प्रेस कांफ्रेंस को डोगरी संस्था के प्रधान प्रो. ललित मगोत्रा ​​और टीम जम्मू के अध्यक्ष जोरावर सिंह जम्वाल ने संबोधित किया। उनके साथ डोगरी संस्था जम्मू के उपाध्यक्ष इंद्रजीत केसर और प्रो. शशि पठानिया तथा बड़ी संख्या में टीम जम्मू और डोगरी लेखक मौजूद थे।

प्रो. मगोत्रा ​​ने बताया कि हाल ही में निदेशक, स्कूल शिक्षा, जम्मू की सरकारी अधिसूचना संख्या 03-डीएसईजे 2024 दिनांक 20.06.2024 में अस्थायी शिक्षकों के 748 पदों का विज्ञापन दिया गया था। इन 748 पदों में से डोगरी शिक्षक का केवल एक पद इस सूची में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों की जम्मू-कश्मीर की एक भाषा के प्रति उदासीनता का ज्वलंत प्रमाण है जो जम्मू-कश्मीर की आबादी के एक बड़े हिस्से यानी डोगरों की मातृभाषा है। यह इस तथ्य के बावजूद है कि डोगरी को लोकसभा विधेयक के माध्यम से जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया है। जबकि जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों का यह बाध्यकारी कर्तव्य है कि वे सरकार की इस नीति के आदेश का अक्षरशः पालन करें लेकिन वे बिल्कुल विपरीत दिशा में काम कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि जम्मू और कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में 400 से अधिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं। यह एक मजाक है कि इन स्कूलों में केवल छह नियमित डोगरी शिक्षक हैं, जबकि डोगरी शिक्षकों के 24 पद खाली हैं और अधिकारियों की ओर से इन पदों को भरने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है।

इस अवसर पर जोरावर सिंह जम्वाल ने कहा कि स्कूल स्तर पर डोगरी शिक्षकों के पर्याप्त पदों का सृजन न होना न केवल डोगरी के विकास के लिए हानिकारक होगा बल्कि इसके अन्य बहुत गंभीर परिणाम भी होंगे।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा / बलवान सिंह

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